शुभ व सत कर्म होने से मोदी जी का कालेधन पर प्रहार सफल होगा

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modiमनमोहन कुमार आर्य

विश्व में लोकप्रिय एवं आदरणीय भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने ढाई वर्षों के स्वल्प शासन काल में ऐसे अनेक कार्य किये हैं जिनकी पूर्व व वर्तमान समय के किसी राजनेता से अपेक्षा नहीं की जा सकती थी। पाकिस्तान द्वारा देश में अस्थिरता फैला कर इसके कमजोर करने की नीति पर प्रधानमंत्री जी द्वारा जो यथायाग्य आघात-प्रत्याघात किये जा रहे हैं उससे भी देश की जनता प्रसन्न है। सर्जिकल स्ट्राइक ने तो मोदी जी की प्रतिष्ठा मे चार चान्द लगायें ही हैं। पाकिस्तान को भारत के पूर्व शासकों का ही अनुभव था इसलिये वह मोदी जी का ठीक से मूल्यांकन नहीं कर सका। हमें लगता है कि आने वाले समय में मोदी जी के नेतृत्व में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ेगा। वर्तमान में मोदी जी सीमाओं की जिस प्रकार से रक्षा कर रहे हैं, उससे देश प्रेमी व देशभक्त लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। सबकी प्रार्थनायें व दुआयें श्री मोदी जी के साथ हैं।

 

मोदी जी ने 8 नवम्बर, 2016 को कालेधन पर 15 अगस्त, 1947 के बाद का सबसे प्रबल प्रहार किया है। लोग इसे भी काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की संज्ञा दे रहे हैं जो कि उचित ही है। काला धन का कारोबर करने वाले आतंकवादी, नक्सलवादी, अलगाववादी, भारतीय सेना विरोधी पत्थरबाज, भारत विरोधी पाकिस्तान देश व उसकी आईएसआई सहित वहां रहने वाले आतंकवादी सरगना, कार्पोरेट जगत के बड़े व्यवसायी, हवाला कारोबारी, सोने के कारोबार में कालाधन बनाने व खपाने वाले व्यवसायी, बिल्डिर, भूमाफिया, शिक्षा, चिकित्सा व्यवसाय में काला धन रखने वाले व भ्रष्ट राजनेता सभी घबराये हुए हैं व त्राहिमान त्राहिमान कर रहे हैं। इसके साथ देश प्रेमी जनता को बैंक व एटीएम से धन निकालने में असुविधायें भी हो रहीं हैं परन्तु असुविधाओं के बावजूद सभी मोदी जी व केन्द्र सरकार के निर्णय के साथ हैं। देश हितैषी जीटीवी अपने कार्यक्रमों ‘ताल ठोक के’, ’डीएनए’ आदि कार्यक्रमों द्वारा काले धन्धें करने वाले व उनके हिमायतियों पर रोज सर्जिकल स्ट्राइक कर रहा है जिससे देश की जनता ही नहीं अपितु विदेशों में बसे एनआरआई भी प्रसन्न हैं। अब बैंक में पैसा जमा करने, निकालने आदि में काफी सुधार हो चुका है। पटना आदि अनेक स्थानों पर तो एटीएम में लोग बहुत कम आ रहे हैं। अनेक एटीएम खाली हैं जहां पैसा होने पर भी लोग पहुंच नहीं रहे हैं। टीवी रिर्पोट्स के अनुसार देश के अनेक भागों में भी आज से अधिकांश एटीएम व बैंक की लाइनों में खड़े लोगों की संख्या में कमी आई है। आशा है कि इस सप्ताहान्त पर यह स्थिति सामान्य हो जायेगी। कालेधन के विरुद्ध इस अभूतपूर्व प्रहार के कारण लोगों को भारी असुविधा हुई और कुछ लोग हृदयाघात आदि कई कारणों से दिवंगत भी हुए हैं। यह अत्यन्त दुःख की बात है। देश की सबके प्रति पूरी सहानुभूति है। यह एक प्रकार से कालेधन के कारोबारी देशद्रोही लोगों के विरुद्ध लड़ाई व धर्मयुद्ध में इन देशवासियों का बलिदान कह सकते हैं। इस कार्य की सफलता से देश व इसकी वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों का भविष्य स्वर्णिम होगा, इसमें किंचित भी सन्देह नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी जी की माता जी ने एक सामान्य नागरिक की तरह 97 वर्ष की आयु में बैंक जाकर अपने साढ़े चार हजार के नोटो को बदल कर राजनीतिज्ञों को गहरा सन्देश दिया है। सभी देशवासियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस घटना की सराहना करनी चाहिये। सभी माननीयों को भी मोदी जी के परिवार की तरह साधारण लोगों की तरह सामान्य जीवन जीने की उनके परिवार से प्रेरणा भी लेनी चाहिये। लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि संस्कार बदलने में समय लगता है।

 

मोदी जी के काले धन पर प्रहार का प्रभाव भी दिखने लगा है। बैंकों ने अपनी ब्याज दरें कम करनी आरम्भ कर दी हैं जिससे देश के मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को लाभ होगा। गरीबों के बच्चों को यदि भरपेट भोजन मिलेगा और उनके लिए सरकार द्वारा शिक्षा का प्रबन्ध किया जायेगा तो आने वाले समय में इन लोगों में से ही भारत को लाल बहादुर शास्त्री और मोदी जी की तरह नये नये स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर के नेता भी मिल सकते हैं। तभी यह कहा जा सकेगा कि भारत में यथार्थ लोकतन्त्र, प्रजातन्त्र व समाजवाद आ गया है।

 

हम प्रधानमंत्री मोदी जी के काले धन पर कड़े प्रहार का स्वागत करने के साथ उन्हें सफलता की शुभकामनायें एवं इस दृण निश्चय व निर्णय के लिए बधाई देते हैं।

4 COMMENTS

  1. तथाकथित वाम और लिबरल पत्रकारों ने स्वर्ण तस्कर, आतंक फंडिंग करने वालो तथा काले धन को बचाने के लिए जोरदार वकालत की है. उनके द्वारा पहुंचाई गई बाधा के कारण विमुद्रिकरन से देश और गरीबों को मिलने वाले लाभ में कमी आई है. कठिनाई के बावजूद सभी जाति एवं धर्म के लोगो ने प्रधानमंत्री की योजना में पूरा सहयोग किया. लोगो को विश्वास है कि विमुद्रिकरण से दूरगामी प्रभाव अच्छे मिलेंगे.

    • Indian Muslims and Christians have to do it themselves if they ever think of what you call “liberation.” Any law imposed for their so called liberation will essentially be a bad law. What if your law liberates Indian Muslims and Christians and they all join bad Hindus who, playing in the hands of anti-national elements in politics, have always helped marginalize Hindu majority under erstwhile governments? As such you will have no law you can ever propose for bad Hindus. They never had one. Now, let’s put aside Nehru’s English (they still blame McCauley!) momentarily and think in Hindi or for that matter any other Indian vernacular you prefer. Our prime minister and the nationalist party he leads propagate Hindutva which in civilized world is more akin to or rather much more than the just rule of law. क्यों न सभी भारतीय नागरिक उत्कृष्ट और अलौकिक भारतीय देन, हिंदुत्व के आचरण को निभाते परस्पर सद्भावना व परोपकार का जीवन अपनाएं? Or, simply follow the just rule of law.

    • आज भारत में रहने वाले अधिकाँश मुस्लिम हमारे ही भाई बन्धु है जो कुछ पीढ़ी पहले राज्य के दवाब या अन्य कारणों से धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य हो गए थे. कानून बना कर लिबरेट करने की बात मूर्खतापूर्ण है. हमारा समाज बहुलता में विश्वास करता है, हमे उनके प्रति गलत बाते नही करनी चाहिए. हमारी उदारता और प्रेम हमारा बल है.

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