
अभिनन्दन नव-वर्ष ,
तुम्हारा अभिनन्दन !!
तुम उमंग-उत्साह लिये,
जन जन में भर दो नवजीवन।।
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सुख-समृद्धि के सावन-घन हों,
बरसें नित आँगन आँगन ।
स्वस्थ रहें, सब सक्रिय रहें नित,
गतिमय कर दे मलय पवन ।।
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सुयश प्राप्त हो सद्कार्यों से,
गूँज उठे ये नील गगन ।
फूल ख़ुशी के सुरभित कर दें,
जीवन हो नन्दन-कानन ।।
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ज्ञान-वृद्धि हो , शान्ति विराजे,
मन बन जाए वृन्दावन ।
अभिनन्दन नव- वर्ष,
तुम्हारा अभिनन्दन।।