
—विनय कुमार विनायक
ओम शब्द मां की पुकार है ओमां!
दुनिया भर के बच्चे जन्म लेते ही,
ओ म! ओ म! ओ मा! ओ मां ॐ,
ॐ ॐ ॐ कहकर रब को गुहारते!
ॐ दुनिया का प्रथम शब्दोच्चारण,
मां-पिता,विधाता-जन्मदाता, ईश्वर,
सबके सब पर्यायवाची शब्द ॐ के,
ॐ शब्द नहीं सम्प्रदाय विशेष के!
ॐ शब्द सम्प्रदाय विशेष से ऊपर,
ॐ है अजर-अमर-अविनाशी अक्षर,
ॐ सृजित नहीं है, किसी भाषा से,
ॐ भाषाहीन शिशु कंठ से निकले!
ॐ है प्रथम पुकार मानव हिय के,
यह अभिनय नहीं किसी भाषा के,
समस्त ब्रह्माण्ड ॐ उच्चारण में,
धर्म भेद नहीं ॐ औ’ ओ मां में!
हे मानव जरा उच्चारण कर देखो,
विश्व भाषा के अविकल शब्द को,
आधि-व्याधि भव बंधन से मुक्ति
मिलेगी, ॐ शब्द के उच्चारण से!
जब भी ॐ शब्द को उच्चारता हूं,
माता की छवि को सामने पाता हूं,
मां से बड़ी कोई भी ईश्वरीय छवि
इस ब्रह्माण्ड में कहां देख पाता हूं!
मां आदि है,मां मध्य है,मां अंत है,
मां से बड़ा भू पर नहीं कोई संत है,
ॐ ॐ जब करता हूं, मां मां आती,
मां से बड़ी ख में, नहीं कोई थाती!
—विनय कुमार विनायक