पाक सहमा हुआ है अपने आप

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देखकर 370 की छाप,
पाक को हुआ है संताप,
सहमा सहमा हुआ है अपने आप |१|

समझौता एक्सप्रेस करके बंद,
व्यापार को भी करके बंद,
नुक्सान कर रहा है अपने आप |२|

देकर गीदड़ की भपकी,
जंग करने की धमकी,
पाक डर रहा है अपने आप |३|

घर में नहीं है दाने,
अम्मा चली है भुनाने,
पाक भुन रहा है अपने आप |४|

बुलाये सारे राजनयिक,
लगाये सारे अपने सैनिक,
फिर भी डर रहा अपने आप |५|

महबूबा डर रही अपने आप,
उमर भी डर रहा अपने आप,
पता नहीं क्यों डरते अपने आप |6|

भाव आ रहे अपने आप,
कलम चल रही अपने आप,
लिख रहा हूँ अपने आप |७|

आर के रस्तोगी 
गुरुग्राम (हरियाणा) 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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