पाक के लिए भष्मासुर बनता आतंकवाद


सुरेश हिन्दुस्थानी
पाकिस्तान में आज जो वातावरण दिखाई दे रहा है, उसके पीछे पाकिस्तान की अपनी नीतियां जिम्मेदार हैं। पाकिस्तान की सरकार आज भी स्वपोषित आतंकवादियों का विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। इसके कारण पाकिस्तान के अंदर कोहराम जैसे हालात निर्मित होते जा रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो पाकिस्तान की सरकार के विरोध में वहां की जनता किस प्रकार का व्यवहार करेगी, इससे पाकिस्तान बुरी तरह से सहमा हुआ है। वर्तमान में पाकिस्तान में सरकार और आतंकवादियों के विरोध में आंदोलन होने लगे हैं। इन विरोध के तरीकों को देखकर पाकिस्तान की सरकार को मजबूरी में भारतीय सीमा पर युद्ध के हालात निर्मित करने पड़ रहे हैं। और पाकिस्तान सरकार की मजबूरी यह है कि उसके पास युद्ध का जो साजो सामान है, वह बहुत हद तक कवाड़ की स्थिति में है, ऐसे में पाकिस्तान मन से यह कतई नहीं चाहता कि भारत के साथ युद्ध जैसी स्थितियां निर्मित की जाएं, लेकिन आतंकवादी संगठनों के मुखिया पूरे पाकिस्तान की जनता को दांव पर लगाने का खेल खेल रही हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के बुद्धिजीवी भी कई बार इस सत्य को प्रकट कर चुके हैं कि वर्तमान में पाकिस्तान की सरकार को राजनेता नहीं, बल्कि आतंकवादी चला रहे हैं।
पाकिस्तान की जनता के बीच वहां की सरकार आज भी भ्रम की स्थिति का वातावरण बनाती हुई दिखाई देती है। पाकिस्तान द्वारा यह कहा जा रहा है कि भारत ने सर्जीकल स्ट्राइक जैसी कोई कार्यवाही की। इसके विपरीत आतंकवादी हाफिज सईद सर्जीकल स्ट्राइक की घटना को सरेआम स्वीकार कर रहे हैं। यहां पर एक सवाल यह है कि भारत ने जो सर्जीकल स्ट्राइक का हमला किया, वह केवल आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्रों को नष्ट करने के किया। इसमें पाकिस्तान पर हमले जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन पाकिस्तान ऐसे प्रचारित करने का प्रयास कर रहा है, जैसे भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया हो। इसके साथ ही एक बात और कहना प्रासंगिक होगा कि जिस कश्मीर पर आज पाकिस्तान का हिस्सा का अवैध कब्जा है, वह वास्तव में भारत का हिस्सा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह साफ तौर पर एक सर्वदलीय बैठक में कहा भी था कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है। जब भारत सरकार पूरे कश्मीर को अपना मानती है तो उस भूमि से आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्रों को समाप्त करना भारत सरकार का न्यायोचित कदम है। कोई भी देश अपनी भूमि से आतंकवाद को समाप्त करने का कदम उठाता है तो यह सुरक्षा की दृष्टि से जायज माना जाना चाहिए, इसके लिए पाकिस्तान द्वारा बुरा मानना किसी भी तरीके से ठीक नहीं है।
भारत के सर्जीकल स्ट्राइक के बाद निश्चित रुप से पाकिस्तान में बबाल की स्थिति बन गई है। वहां की जनता का विरोध करना पाकिस्तान की सरकार द्वारा किए गए कारनामों का ही अंजाम है। पाकिस्तान की सरकार और आतंकवादियों के आकाओं द्वारा हमेशा यह भ्रम फैलाया गया कि भारत उसका दुश्मन है, जबकि सत्य यह है कि दुश्मनी जैसे कार्यों को हमेशा पाकिस्तान द्वारा ही अंजाम दिया जाता रहा है। कौन नहीं जानता कि भारत का कुख्यात अपराधी दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद आज पाकिस्तान की शरण में है। भारत के अपराधियों को सरकारी सुविधाएं देकर उनकी सुरक्षा करना निश्चित ही भारत के विरोध में किया गया घृणित अपराध है। पाकिस्तान की नीयत अगर साफ होती तो वह इन दोनों को भारत के हवाले कर देता। पाकिस्तान में पनप रहा आतंकवाद दूसरे देशों में अशांति फैला सकता है, यह सही कहा जा सकता है, लेकिन सत्य यह भी है कि यही आतंकवाद एक दिन पूरे पाकिस्तान को समाप्त कर देगा।
सर्जीकल स्ट्राइक के बाद भारत के हर नागरिक का गर्व से सीना उस समय छप्पन इंच का हो गया। जब उसने सुना कि भारत के वीर जवानों ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर न केवल सात आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों को ध्वस्त किया। आतंकियों को मार गिराया। आतंकवादियों की सुरक्षा में लगे नौ पाकिस्तानी सैनिक भी ढेर कर दिए। यह सेना की कुशल रणनीति और कमांडों के साहस का ही परिणाम है कि एक भी भारतीय सैनिक आहत नहीं हुआ। यह पहली बार हुआ है, जिसकी भारत के सारे राजनीतिक दलों ने एक स्वर से नरेन्द्र मोदी के काम की सराहना की है। आजादी के बाद यह स्थिति रही कि भारत ने हमेशा बचाव की नीति अपनाई। ‘एक गाल पर चांटा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दोÓ इस दब्बू नीति के कारण पाकिस्तान आक्रामक होता रहा और हम समझौते, करार पर भरोसा करते रहे। आजादी के बाद की नीतियों से ऐसा लगा कि हमारा नेतृत्व केवल बातूनी है। उसमें इच्छाशक्ति की कमी है, इसलिए मच्छर जैसा पाकिस्तान हमारे राष्ट्र शरीर को परेशान करता रहता है। 1965, 1971 के सीधे युद्ध में हमारी सेना ने बहादुरी और बलिदान का इतिहास रचा। आतंकवादी छद्म युद्ध में हमारी सुरक्षात्मक नीति रही। इससे देश की जनता में यही संदेश गया कि ऐसी ढुलमुल और कायराना नीति रही तो देश को गंभीर संकट का सामना करना होगा। यह सवाल बार-बार और हर आतंकी हमले के बाद पूछा गया कि हम पाक के अंदर घुसकर आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त नहीं करते, क्या हम केवल रक्षात्मक कार्रवाई से ही संतोष करते रहेंगे। पहली बार भारत के नेतृत्व की इच्छाशक्ति से आक्रमक रणनीति तैयार की गई और हमारे कमांडों ने सर्जिकल ऑपरेशन कर सात आतंकी शिविरों को तहस-नहस कर दिया। सेना के कथन के अनुसार पैरा कमांडों की सर्जिकल इस्ट्राइक हुई। कितने आतंकी और पाक सैनिक मारे गए, इसकी अधिकृत जानकारी सेना से नहीं मिली है। केवल यह कहा गया कि आतंकियों और पाक सेना की काफी क्षति हुई है। इस बारे में 38 आतंकियों और दो पाक सैनिकों को मारे जाने के समाचार है।
सेना के कमांडों ने जिस शौर्य का प्रदर्शन कर सीमा पार कर आतंकियों की लाशें बिछा दी, उन बहादुर जवानों को देश की सवा सौ करोड़ जनता सलाम कर रही है। सर्वपितृ अमावस्या के एक दिन पूर्व हमारे वीर जवानों ने दुश्मन पर गहरा आघात कर अपने पठानकोट, उरी में जो जवान शहीद हुए, उन्हें शौर्य श्रद्धाजंलि अर्पित कर दी। पाकिस्तान बुरी तरह बौखला रहा है। वह किसी समय मूर्खता की हरकत कर सकता है, इसलिए देश में अलर्ट हो गया है। सीमा क्षेत्र के गांवों को खाली करने की कार्रवाई की जा रही है। इस आक्रामक रणनीति की पूरा देश सराहना कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति और आक्रामक रणनीति की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। इस बारे में देश की एक ही आवाज है। सभी राजनैतिक दल सेना और सरकार के साथ खड़े है।
पाकिस्तान की ओर से परमाणु बम की धमकी दी जा रही है। सर्जिकल स्ट्राइक की सच्चाई चाहे पाकिस्तान स्वीकार नहीं करे। यदि उसने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया तो उसकी सेना की कमजोरी उजागर हो जाएगी। अब कहा जा रहा है कि पाकिस्तान अपने मारे गए आतंकियों और सैनिकों की लाशों को गुपचुप दफना रहा है। वह सच्चाई के सबूत मिटा रहा है। झूठ की पोल खुल जाती है। अब आम चर्चा में सवाल यह है कि अब हारा-थका पाकिस्तान क्या कर सकता है? हालांकि भारत की सेना और सरकार पूरी तरह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। कूटनीतिक दृष्टि से पाकिस्तान घिर चुका है। इस सर्जिकल स्ट्राइक से वह घायल हो चुका है। नवाज शरीफ सरकार वहां के लोगों के विरोध से विचलित है अब वहां शरीफ सरकार के खिलाफ  तख्तापलट कार्रवाई की आशंका है। वहां की राजनीति में सेना की नीति ही निर्णायक होती है। इसलिए नवाज शरीफ एवं वहां के राजनैतिक नेतृत्व की बातों और भभकी का कोई महत्व नहीं है। पाक सेना की कार्रवाई पर ही दृष्टि रखना होगी। भारत की मोदी सरकार का वैचारिक आधार राष्ट्रवादी है। इसलिए राष्ट्र की सुरक्षा एवं अखंडता के लिए प्रधानमंत्री मोदी दुश्मन को कभी अवसर नहीं दे सकते। इस कमांडों सर्जिकल स्ट्राइक से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत आतंकी हरकतों को रोकने के लिए आक्रामक भी हो सकता है। विजय आक्रामक रणनीति से ही हो सकती है। चाणक्य की नीति से ही राष्ट्र सुरक्षित और विजयी हो सकता है। राजनैतिक नेतृत्व की इच्छाशक्ति और सेना के शौर्य से ही विजयी इतिहास लिखे जाते हैं।
भारत में दशहरे की शुरुआत हो गई है। जिस प्रकार भगवान राम ने दूर देश में छुपी बैठी रावणी शक्तियों को अपने शौर्य पराक्रम से नष्ट किया था, भारतीय सेना ने भी वैसा ही कुछ कर दिखाया है। तारीफ  करना चाहिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उन्होंने जो कहा वो कर दिखाया। उनकी कूटनीतिक चतुरता, बुद्धि कौशल और धैर्य के साथ निर्णय लेने की क्षमता की आज पूरी दुनिया कायल हो गई है। आज पाकिस्तान को जवाब देकर उन्होंने साबित कर दिया कि वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता यूं ही नहीं हैं वास्तव में वे दुनिया के एक बड़े और शक्तिशाली राजनेता हैं। अभी तक कश्मीर मसले को लेकर हमारे देश में इजरायल जैसी शौर्यता और पराक्रम दिखाने की बात की जाती रही है। पिछले तीन वर्षों के दौरान यह दूसरा मौका है जब भारत की सेना ने दूसरे देश में अंदर घुसकर आतंकवादियों को मौत की नींद सुलाने का कार्य किया है। पहले म्यांमार और अब पाकिस्तान में भारतीय कमांडो ने इस अदम्य साहस का परिचय देकर आतंकियों को मारा है। अब हम सीना ठोककर यह कह सकते हैं कि अमेरिका और इजरायल ही नहीं भारत भी उन देशों की कतार में अग्रणी देश बन गया है जो अपनी सुरक्षा के लिए किसी विदेशी शक्ति के सहयोग का इंतजार नहीं करता, उस पर जो भी टेढ़ी नजर डालेगा भारत उसे उसके घर में घुसकर तबाह कर देगा।
भारत ने बिना हिंसा के हर वो कदम उठाया जो एक शांतिप्रिय देश उठा सकता है, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। किसी ने ठीक ही कहा है लातों के भूत बातों ने नहीं मानते। पाकिस्तान के सामने बड़ा संकट है, यदि वह विश्व बिरादरी में इस हमले की बात उठाता है तो उसे यह स्वीकारना होगा कि उसके यहां आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर संचालित किए जाते हैं, यह उसके लिए और भी परेशानी वाली बात होगी। फिलहाल उसे समझ नहीं आ रहा वह करे तो क्या करे? प्रधानमंत्री की रणनीति और कूटनीति के सामने पाकिस्तान पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। उसे नहीं भूलना चाहिए कि भारत इस उप महाद्वीप की एक बड़ी शक्ति है। इतना ही नहीं पाकिस्तान अब तक भारत से चार लड़ाइयां हार चुका है। वो आज तक लाख कोशिशों के बावजूद भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पाया तो अब क्या बिगाड़ पाएगा। लेकिन इसके साथ ही यह नहीं भूलना होगा कि यह लड़ाई अंतिम नहीं है। निश्चित रूप से भारत के इस साहसिक कदम से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है वह आतंवादियों के कंधे पर बंदूक चलाने का खूनी खेल खेल सकता है। निश्चित ही भारत सरकार और सेना ने इसका जवाब देने की रणनीति भी बना रखी होगी, उसने पाकिस्तान को सबक सिखाने का जो अभियान शुरू किया है उसके अंतर्गत आतंकवाद का समूल नाश होगा और पूरी दुनिया में भारत एक महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा।

सुरेश हिंदुस्थानी

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