एल आर गाँधी
खबरियों के लिए खबर थी और मनचलों के लिए सेल्फी लेने का एक मौका पप्पू महज़ ४००० हज़ार के गाँधी बैंक में बदलने जा पहुंचे ….. गाड़ियों का काफिला और अनगिनत अंग रक्षक साथ में पप्पू के पप्पियों की फौज ,ऊपर से खबरियों का झुण्ड – मधुमखियों की भांति पप्पू पर मंडरा रहा था …..
पप्पू इतरा रहे थे ….मैं इन लोगों के लिए लाइन में लगा हूँ ….. मोदी के सताए हुए हैं ये सब।
खबरियों में से एक ने भी यह नहीं पूछा : क्या गयासुदीन से अब तक , पिछली पांच पीढ़ियों में कोई बैंक की लाइन में लगा है और वह भी महज़ हज़ार हज़ार के बीत चुके चार गांधियों के लिए …. अरे एस बी आयी में तो पप्पू का खाता भी नहीं। जिस में इनके खाते हैं वह तो होम सर्विस देता है …. क्या बात है स्विस बैंकों की !
माया ,मुलायम ,ममता और कॉमनष्टो ने अपने ‘ पप्पुओं ‘ की फ़ौज़ें बैंकों की कतारों में खड़ी कर दी , काले गाँधी सफेद करने को ….. धन कुबेरों ने अपने सभी कारिंदे नोट बदलने के अभियान में झोंक दिए ….. हमारी अबला नारी ने भी काम वाली बाई की मिन्नतें कर उसे बैंक का रास्ता समझा दिया …. और केजरीवाल का झाड़ू खुद थाम लिया ….. रवीश जी भी अपना माइक थामें ‘मोदी के सताए ‘पप्पुओं ‘ का दर्द बांटने निकल पड़े।