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संतों का धैर्य टूटने से पूर्व सरकार गंगा को बांधों से आजाद करे

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने कहा है कि संतों-महात्माओं के धैर्य का बांध टूटने से पूर्व सरकार को गंगा नदी पर निर्मित समस्त बांधों को रद्द करने और आगे से कोई भी नयी परियोजना न बनाने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर अनसुनी की तो संत कुंभ में निर्णायक संघर्ष का फैसला करेंगे।

श्री सिंहल ने विश्व हिंदू परिषद के नई दिल्ली स्थित कार्यालय में 27 मार्च को देश के प्रमुख समाचार पत्रों एवं स्तंभ लेखकों के साथ आयोजित चर्चा-वार्ता में उपरोक्त उद्गार व्यक्त किए । उन्होंने केंद्र सरकार को सावधान किया कि वह गंगा के मुद्दे पर देश में तनाव पैदा करने के हालात पैदा करने से बचे।

उन्होंने केंद्र सरकार में गंगा और पर्यावरण के सवाल पर उत्पन्न मतभेदों की चर्चा करते हुए कहा कि एक ओर केद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश गंगा पर बांधों को निरस्त करने की बात कह रहे हैं वहीं केंद्रीय श्रम मंत्री और हरिद्वार से कांग्रेस सांसद हरीश रावत कुंभ की समाप्ति के बाद गंगा पर निर्माणाधीन लोहारीनागपाला परियोजना पर रूके हुए काम को शुरू करने की घोषणा कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस समेत देश के तमाम राजनीतिक दलों से श्री सिंहल ने गंगा के संदर्भ में नीति स्पष्ट करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि विकास होना चाहिए लेकिन विकास विनाश का कारण नहीं बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ठेकेदारों, प्रशासकों के कारण गंगा की दुर्दशा हो रही है। गंगा को धन कमाने का जरिया बना लिया गया है। गंगा की रक्षा का प्रश्न भारत की सांस्कृतिक चेतना, धर्म, पर्यावरण और समाज के साथ गहरे रूप में जुड़ा हुआ है। सरकार को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि संत समाज को इस मुद्दे पर प्रभावितकर देश में बड़े आंदोलन की शुरुवात कर सकते हैं।

उन्होंने समाचार माध्यमों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी जनसंचार शक्ति का प्रयोग गंगा और पर्यावरण की रक्षा के लिए करें। समाज को बताएं कि गंगा समेत देश की तमाम नदियों की विकास की अंधी दौड़ में कैसी दुर्दशा हो रही है।

श्री सिंहल ने कहा कि ऊर्जा जरूरतों के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास और प्रयोगों से भरपूर मात्रा में बिजली का उत्पादन हो सकता है। सूरत में गैस चालित टरबाइन से बिजली बनाने के सफल प्रयोग का उदाहरण देते हुए श्री सिंहल ने कहा कि सूरत में 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन गैर टरबाइन से हो रहा है। इसका निर्माण भी तीन साल की रिकार्ड अवधि में सम्पन्न हो गया। जबकि बड़े बांध जहां हजारों करोड़ रूपये खर्चकर बनते हैं वहीं उनके निर्माण में दसियों साल लग जाते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर देखे तथा गंगा के साथ खिलवाड़ बंद करे अन्यथा संत समाज के बीच गंगा रक्षा का प्रचण्ड संग्राम छेड़ेंगे। विश्व हिंदू परिषद संतों के प्रत्येक निर्णय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी।

चर्चा-वार्ता में दैनिक नवभारत, दैनिक नई दुनिया, दैनिक भास्कर, दैनिक देशबंधु, दैनिक सकाल, कौमी पत्रिका, ईएमएस समाचार एजेंसी, सांध्य वीर अर्जुन, प्रथम प्रवक्ता, साप्ताहिक पांचजन्य, विश्व हिंदू वॉयस समेत अनेक पत्रों के संपादकों और उनके वरिष्ठ संपादकीय सहायकों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ मार्गदर्शक आचार्य गिरिराज किशोर, बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री प्रकाश शर्मा समेत विश्व हिंदू परिषद के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।