तिकड़म सब हो गए फेल
नेताजी पहुँच ही गए जेल
बनने लगे हैं नए समीकरण
बाहर शुरू हो गया है नया खेल
खूब खाया था, खिलाया था
पीया था, खूब पिलाया था
राजनीति को ढाल बनाया था
परिवार को आगे बढ़ाया था
जिनका खूब साथ दिया
उन्होंने ही दगा किया
भ्रष्टाचार के नाम पर
शिष्टाचार तक त्याग दिया
आगे क्या होगा, कितनी होगी सजा
पक्षवाले चिंतित, तो विपक्ष ले रहा मजा
पर एक बात पर हैं सब एकमत
बुरे काम का होता ही है बुरा नतीजा ।