कविता महत्वपूर्ण लेख

डॉ. मधुसूदन की कविता : घोडे़ को धक्का मारती है बग्गी ?

वैसे तो चमत्कार हुये हैं कई बार !

कई बार तर्क को नियमों ने तोड़ा है।

पर अब की बार, जो हुआ चमत्कार !

उस ने सारी सीमाओं को लांघा है।

हवा चलने से, पत्ते न हिले पेड़ों के,

पत्तें हिलने से, चली है आँधी।

अच्छा ?

भूचाल आने से, न गिरा मकान-

पर मकान गिरने से, आया है भूचाल।

हाँ ?

कौन सी तर्क की किताब में पढ़े हो?

कि प्रतिक्रिया को, क्रिया का कारण बताते हो?

गोधरा में रेल जली,

कारण ?

हिन्दू का प्रतिकार?

अरे सेक्य़ुलर पागलों,

मूरख सरदार बावलों।

ये तो बताओ,

कि घोड़ा बग्गी को खींचता है?

या घोड़े को धक्का मारती है बग्गी?

कठिन प्रश्न है।

ठीक सोच कर बताओ।

रेल जली ना होती,

तो दंगा होता ?