आज का कवियों की विशेषता

0
660

कवि कविता कम,चुटकले ज्यादा सुनाते है
वे हंसाते कम है,तालियाँ ज्यादा पिटवाते है

कवि मुहँ लटका कर,मंच पर आकर बैठ जाते है
चूकि आने से पहले घरवाली से पिट कर आते है 

कवि कल्पना के पास है पर कल्पना में खोये रहते है
वे रात को जगते रहते है,पर दिन में सोये से रहते है

कवि कविता क्यों करते है,जब “कविता” पास ही होती है
करी इस पर रिसर्च,कविता ही “कविता” की स्रोत होती है

कवि रोटी के कम ,सम्मान के अधिक भूखे होते है
जरा इनको शाल उढ़ा कर देखो कितने खुश होते है

कवि उन पंक्तियाँ बार बार पढता है,जिस पर तालियाँ बजती है
जिन पंक्तियों पर तालियाँ नहीं बजती उनपर मुहं लटकाये रहता है

रस्तोगी भी कवियों में बैठकर,इनकी विशेषता ढूंढता रहता है
इसलिए इनकी विशेषताओ को एक कविता में पेश करता है

आर के रस्तोगी  

Previous articleमहिलाओं के लिए ये कैसी लड़ाई जिसे महिलाओं का ही समर्थन नहीं
Next articleकरवाचौथ पर मेरे पति
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here