UP-MP में लव जिहाद कानून लाने की तैयारियां तेज

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लव जिहाद का मुद्दा चर्चा में बना ही रहता है क्योंकि यह किसी राज्य, क्षेत्र या देश का मामला नहीं है बल्कि यह एक विश्वव्यापी मुद्दा है। जहाँ पर भी मुस्लिम समाज अल्पसंख्यक है वहाँ की बहुसंख्यक आबादी अक्सर यह आरोप लगाती रहती है कि मुस्लिम युवक हमारी बेटियों को बहकाकर विवाह कर लेते हैं, फिर उनका धर्मपरिवर्तन करके उन्हें अपने धर्म में शामिल कर लेते हैं। जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक है वहाँ लव-जिहाद के मुद्दे को उठाने की हिम्मत कोई कर ही नहीं सकता इसलिये यह मुद्दा मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी वाले देशों का ही है। 

लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग तेज होती जा रही है। अभी केन्द्र सरकार ने तो इस मामले में कुछ नहीं कहा है पर भाजपा शासित राज्यों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक हो या गुजरात सब इस पर कानून बनाने के लिए मसौद तैयार करने में लग गए हैं। वहीं कांग्रेस शासित राज्य अन्य राज्यों द्वारा इस तरह का कानून लाने का विरोध कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद अब कई बीजेपी शासित राज्यों ने कहा है कि वे भी लव जिहाद के लिए कानून बनाएंगे। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है। उन्होंने कहा है, “भाजपा के कई नेताओं के परिवारवालों ने दूसरे धर्म में शादी की है। मैं उन भाजपा नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या ये शादियां भी लव जिहाद की परिभाषा के अंतर्गत आएंगी?”

राजनीतिक चर्चाओं में लव जिहाद कहे जाने वाले मामले को ही गैर कानूनी धर्मांतरण माना जाएगा और ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। मध्य प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्तावित बिल में पांच साल की सजा का प्रावधान किया है। देश के अन्य राज्य भी इस तरह का कानून बनाने की तैयारी है। आम बोलचाल में लव जिहाद कहे जाने वाले मामलों में बहला-फुसलाकर, झूठ बोलकर या जबरन धर्मांतरण कराते हुए अंतर धार्मिक विवाह किए जाने की घटनाओं को शामिल किया जाता है। प्रस्तावित कानून सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होगा। 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। यह मसौदा परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेज दिया गया है। इसे संभवत: अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है। विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है।

अशोक गहलोत ने कहा ‘लव जिहाद’ का शब्द बीजेपी ने गढ़ा है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘लव जिहाद’ को लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, यह शब्द भाजपा ने देश को बांटने व सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है। वहीं, भाजपा नेताओं ने गहलोत पर पलटवार करते हुए उनपर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। गहलोत ने इस बारे में ट्वीट में लिखा कि लव जिहाद शब्द भाजपा ने देश को बांटने व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है। शादी-विवाह व्यक्तिगत आजादी का मामला है जिसपर लगाम लगाने के लिए कानून बनाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह किसी भी अदालत में टिक नहीं पाएगा। प्रेम में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।

एक ओर जहां शादी के नाम पर महिलाओं के कथित धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बीजेपी शासित कई राज्य कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं, वहीं उत्तराखंड सरकार प्रदेश में ऐसी शादियों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसी अन्य जाति या धर्म के व्यक्ति से शादी करने वालों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रोत्साहन राशि कानूनी रूप से पंजीकृत अंतरधार्मिक विवाह करने वाले सभी कपल्स को दी जाती है। अंतरधार्मिक विवाह किसी मान्यता प्राप्त मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर या देवस्थान में संपन्न होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतरजातीय विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि पाने के लिए कपल में से पति या पत्नी किसी एक का भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार, अनुसूचित जाति का होना आवश्यक है।

हालांकि प्रोत्साहन राशि बांटे जाने पर मचे बवाल के बाद प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि इस मामले में जारी आदेश को ठीक करने की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सलाहकार आलोक भट्ट ने सोशल मीडिया में जारी एक बयान में कहा है कि संशोधन की कार्रवाई में समय लगेगा मगर इस आदेश को ठीक कर दिया जाएगा। उत्तराखंड सरकार के अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दंपतियों को पचास हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देने के लिए एक प्रेस नोट जारी किया।

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद पर जल्द ही सख्त कानून बनाया जाएगा। इसको लेकर योगी सरकार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लाएगी। इसके तहत जबरन धर्मांतरण पर पांच साल तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किए जाने की तैयारी है। यह अपराध गैरजमानती होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता जबरन धर्मांतरण के मामले को लेकर कड़ा कानून बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने लव जिहाद को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार किया है।

मसौदे में जबरन, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिये धर्म परिवर्तन कराने को अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही गई है। कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में आरोपी को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल, न्याय विभाग इस पर मंथन कर रहा है। पूर्व में विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण पर रोकथाम कानून बनाने के लिए यूपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौंपा था। आयोग ने दूसरे राज्यों में लागू कानून की बारीकियों को देखते हुए अपना प्रस्ताव बनाया था।

बर्मा की वर्तमान रोहिंग्या समस्या के पीछे भी लव जिहाद की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। बौद्ध नेता अशीन विराथू का आरोप है कि मुस्लिम युवक उनकी लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फँसाकर शादियाँ कर लेते हैं और ज्यादा बच्चे पैदा करके आबादी बढ़ाकर जनसंख्या संतुलन बिगाड़ रहे हैं। बौद्ध समाज को सारी दुनिया में सबसे अहिंसक और शान्त स्वभाव का माना जाता है लेकिन यही समाज बर्मा में विराथू के नेतृत्व में रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसक हमले कर रहा है। यूरोप में भी कट्टरवादी ईसाई संगठन मुस्लिमों पर कुछ ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं। लव-जिहाद सिर्फ भारत में प्रचलित शब्द नहीं है। यह किसी न किसी रूप में सारी दुनिया में देखने को मिल रहा है।

देखा जाये तो लव जिहाद अपने आप में सही शब्द नहीं है क्योंकि जहाँ जिहाद होता है वहाँ लव के लिये कोई जगह नहीं होती और जहाँ लव होता है वहां जिहाद की कोई जरूरत ही नहीं है। इस्लामिक धारणा के अनुसार जिहाद पवित्र शब्द हो सकता है लेकिन वर्तमान में जिहाद का मतलब मासूम और निर्दोष महिलाओं, पुरूषों और बच्चों का शोषण-उत्पीडऩ तथा बर्बर हत्याएँ करना ही है। दुनिया भर में इस्लाम फैलाने के लिये दनदनाते घूम रहे आतंकवादी मासूम लोगों की हत्याएं जिहाद के नाम पर ही कर रहे हैं। अमेरिका में हुआ लोन वुल्फ हमला करने वाला आतंकवादी अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाकर मासूम बच्चों को अपने ट्रक से कुचल रहा था। 

इसी जिहाद का एक हिस्सा है लव जिहाद। भारत में इसे हिंदू संगठनों का बेमतलब का हो हल्ला करार दिया जाता है जबकि सच यह है कि इससे कहीं पहले यूरोप में लड़कियों ने यह मामला उठाया है कि उन्हें गलत तरीके से फँसाकर शादियाँ की गई हैं और उसके बाद उनका जबरन धर्म-परिवर्तन किया गया है। अक्सर इसे हल्के में लिया जाता है और कहा जाता है कि ये कोरी बकवास है जबकि मेरा मानना है कि सच से आँखें चुराने से सच झूठ नहीं हो जाता है। लव-जिहाद एक ऐसा सच है जिससे इन्कार करना मूर्खता ही होगी लेकिन यह भी एक सच है कि हिंदू-मुस्लिम युवक और युवतियों के बीच होने वाले सारे प्रेम-विवाहों को लव-जिहाद का नाम नहीं दिया जा सकता। एक सच यह भी है कि कौन सा प्रेम विवाह लव-जिहाद नहीं है, इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। 

अगर मुस्लिम युवकों को धर्म ज्यादा प्यारा है तो उन्हें हिंदू लड़कियों से दूर रहना चाहिये। हिंदू संगठन भी इसलिये इन प्रेम विवाहों के खिलाफ है कि इस तरह से हिंदुओं की आबादी कम करने का प्रयास चल रहा है। केरल में ऐसे कई संगठन है जो सुनियोजित तरीके से धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं और लव-जिहाद भी इसमें से एक तरीका है जिससे इस्लाम धर्म में लोगों को परिवर्तित किया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को लालच देकर या धमकाकर धर्म परिवर्तन कराना कानूनी रूप से भी गलत है और धार्मिक रूप से भी। मुस्लिम विद्वान भी यह कहते हैं कि किसी भी गलत तरीके से धर्मपरिवर्तन उचित नहीं है।

अन्त में यही कहा जा सकता है कि लव-जिहाद के बेहद कम मामले हैं लेकिन फिर भी यह चिन्ता का विषय है क्योंकि चाहे कितने ही कम मामले क्यों न हो लेकिन इनसे दोनों समुदायों के बीच नफरत की दीवार खड़ी हो रही है। मुस्लिम समाज को आगे आकर ऐसे मामलों का विरोध करना चाहिये और ऐसे मुस्लिम संगठनों की गतिविधियों के बारे में सरकार को सूचना उपलब्ध करवानी चाहिये। हिंदू मुस्लिम भाईचारे को चोट पहुँचाकर थोड़े से लोगों का धर्म परिवर्तन कराना कोई उपलब्धि नहीं है। इस देश का भविष्य हिंदू-मुस्लिम समाज के प्रेम और विश्वास पर टिका हुआ है लेकिन कुछ लोग इसे सुनियोजित तरीके से चोट पहुँचा रहे हैं। उदारवादी और सही सोच के मुस्लिमों की चुप्पी के कारण सारे विश्व में इस्लाम बदनाम हो रहा है।आतंकवादी और कट्टरवादी मुस्लिमों के कारण आज पूरे विश्व में मुसलमानों को शक की नजर से देखा जा रहा है। यही समय है जब मुस्लिम समाज को गलत को गलत कहना सीखना होगा। दूसरे धर्म के व्यक्ति से प्रेम और विवाह हिम्मत का काम है लेकिन कुछ लोगों के कारण ऐसे व्यक्ति शक के घेरे में रहते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि प्रेम में सारा त्याग महिलाओं से नहीं माँगा जाना चाहिये। यदि किसी हिंदू या मुस्लिम युवक को दूसरे धर्म की युवती से प्रेम होता है तो उसे अपना धर्म बदलकर युवती का धर्म स्वीकार करना चाहिये। तभी ये साबित हो पायेगा कि उसका प्रेम सच्चा है। सच्चा प्रेम त्याग नहीं माँगता बल्कि त्याग करता है। जब युवक अपना धर्म प्रेम के लिये छोडऩे की हिम्मत दिखायेंगे, तब पता चलेगा कि उनका समाज उनके साथ कैसा व्यवहार करता है ?  

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