सच में अनोखा है ‘जीव जंतुओं का अनोखा संसार’

पुस्तक समीक्षा
पुस्तक: जीव जंतुओं का अनोखा संसार
लेखक: योगेश कुमार गोयल
पृष्ठ संख्या: 104
मूल्य: 245 रुपये
संस्करण: 2020
प्रकाशक: मीडिया केयर नेटवर्क, 114, गली नं. 6, गोपाल नगर, नजफगढ़, नई दिल्ली-110043.
जीव-जंतुओं की विचित्र दुनिया बच्चों और बड़ों के लिए सदा से कौतूहल भरी रही है। इसी कौतूहल और ज्ञान को बढ़ाने में वरिष्ठ पत्रकार श्री योगेश कुमार गोयल ने हाल ही में एक अनोखी कृति की रचना की है, जिसका नाम भी उन्होंने ‘जीव जंतुओं का अनोखा संसार’ ही रखा है। पेड़-पौधे और जीव-जंतु हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, जिनके बिना सामाजिक परिवेश अधूरा सा है और यह बात अब लोगों को समझ में भी आने लगी है। हमारे समाज में यह तो प्रचलित रहा है कि सृष्टि में 84 लाख योनियों के बाद मानव जीवन मिलता है मगर जब हम योनियों की गिनती करते हैं तो ये पचास-सौ पर ही खत्म हो जाती हैं किन्तु जीवों की योनियों को ढूंढ़ें तो यह संख्या बहुत बड़ी हो जाती है और अनेक प्रकार के जीवों और उनके रहन-सहन की जानकारी मिलती है, जिसे जानने के बाद लोग दांतों तले उंगलियां दबाने को विवश हो जाते हैं।


समसामयिक और सामरिक मामलों के जाने-माने विश्लेषक योगेश कुमार गोयल कृत इसी तरह की अनूठी पुस्तक ‘जीव जंतुओं का अनोखा संसार’ में जीव-जंतुओं के जीवन के बारे में, उनके रहने और खाने के अलावा उनकी दिनचर्या सहित अन्य जानकारियां समाहित हैं। समीक्षित पुस्तक में 127 जीवों के बारे में सचित्र जानकारियां दी गई हैं। पुस्तक में संकलित किए गए जीव-जंतु अत्यंत दुर्लभ हैं और इनमें से अधिकांश की जानकारी तो इसी पुस्तक से ही मिलती है। जीवों और प्रकृति की चीजों को मानव अपने हितार्थ नष्ट करता रहा है, इस पर भी लेखक ने चिंता व्यक्त की है। शायद यही कारण है कि अब जीव दुर्लभ होते जा रहे हैं। यदि इस संदेश से भी हम नहीं चेते तो आज जो परिन्दे और जीव हमें दिखाई देते हैं, वे आने वाले समय में दुर्लभ हो जाएंगे। लेखक योगेश कुमार गोयल इससे पूर्व 2009 में भी दुर्लभ जीव-जंतुओं की जानकारियां देती एक पुस्तक लिख चुके हैं, जिसके बारे में हरियाणा साहित्य अकादमी के तत्कालीन निदेशक देश निर्मोही ने लिखा था कि पुस्तक से हर वर्ग के पाठक के ज्ञान में तो वृद्धि होगी ही, साथ ही बच्चों के लिए तो यह पुस्तक संग्रहणीय होगी। वाकई वह पुस्तक संग्रह करने लायक थी ओर लेखक की वर्तमान पुस्तक भी संग्रहणीय है।
समीक्षित पुस्तक में अनेक अद्भुत, असाधारण, दुर्लभ जीव-जंतुओं के बारे में बेहद दिलचस्प जानकारियां हैं। जैसे पुस्तक में ‘मडस्किपर’ नामक ऐसी मछली की जानकारी है, जो पानी के बाहर भी रह सकती है। दुनिया के कुछ चालाक और खतरनाक जीव-जंतुओं के बारे में दी गई दिलचस्प जानकारियां तो काफी हैरान करने वाली हैं। विचित्र आदतों वाले पक्षी ‘ग्रेबेस’, शर्मीले और डरपोक पक्षी ‘ईस्टर्न व्हिप बर्ड’, रक्त चूसने वाले पिस्सू, चीखने-चिल्लाने वाली बत्तख, टांगों से खून की पिचकारी छोड़ने वाला लेडी बर्ड जैसी जानकारियां ज्ञान बढ़ाती हैं। ‘हमें मादा मच्छर ही क्यों काटती है?’ शीर्षक के तहत लेखक ने काफी ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी है। लेखक ने कुछ वैज्ञानिक शोधों के हवाले से यह भी बताने का प्रयास किया है कि जानवरों में भी इंसानों जैसी ही भावनाएं होती हैं। ‘स्माल ब्लू किंगफिशर’ नामक पक्षी किस प्रकार अपने शिकार को पीटकर मार डालता है, यह जानकारी तो होश उड़ा देती है।
उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली ‘प्रेरी गिलहरी’ कुत्तों की भांति भौंकती है। इस गिलहरी के अलावा ऐसे ही कई अन्य पक्षियों और जीव-जंतुओं की अत्यधिक रोचक जानकारियां भी इस पुस्तक में हैं। कुत्ते जैसा दिखने वाला टिम्बर भेडि़या बड़े-बड़े जानवरों को भी मार डालता है, जो निर्दयी शिकारी भी कहा जाता है। दक्षिण अफ्रीका में कोंडोर नामक एक ऐसा गिद्ध पाया जाता है, जो सताए जाने पर बेहद बदबूदार मल उगल देता है। स्यामीज मछली पानी पर घोंसला बनाती है जबकि स्टिकलबैक मछली चिडि़या जैसा घोंसला बनाती है। इसके अलावा अनेक प्रकार की मछलियों की जानकारी पाठकों को अपने साथ बांधे रहती है। कोई बिल्ली भी पेड़ों पर पक्षियों की भांति घोंसला बनाकर रहती है, यह सुनने में ही अजीब लगता है मगर दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में बिल्ली की एक ऐसी ही प्रजाति मिलती है।
विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों के अलावा सांपों तथा अन्य जीवों के रहन-सहन, उनकी खूबियां, कौनसा जीव किसका शिकार करना पसंद करता है, उनकी प्रजनन क्षमता और किस जीव का कौनसा अंग महत्वपूर्ण होता है तथा कौनसा पक्ष कमजोर होता है, सहित अनेक दुर्लभ जानकारियां इस पुस्तक में समायी हैं। पुस्तक का आवरण पृष्ठ बेहद आकर्षक है। जंगल के जीवों के चित्र अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। इन सभी कारणों से यह पुस्तक सच में अनोखी और संग्रहणीय होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धन भी करती है।

  • अतुल गोयल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

15,439 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress