सरस्वती वंदना

0
261

हम मानुष जड़मति
तू मां हमारी भारती
आशीष से अपने
प्रज्ञा संतति का संवारती

तिमिर अज्ञान का दूर
करो मां वागीश्वरी
आत्मा संगीत की
निहित तुझमें रागेश्वरी

वाणी तू ही तू ही चक्षु
मां वीणा-पुस्तक-धारिणी
तू ही चित्त बुद्धि तू ही
कृपा करो जगतारिणी

विराजो जिह्वा पे धात्री
हे देवी श्वेतपद्मासना
क्षमा करो अपराधों को
स्वीकार करो उपासना
……………

:- आलोक कौशिक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here