
सत्य के रक्षक
अधर्म समापक
दुष्ट विनाशी
धर्म स्थापक
हैं सुदामा सखा
सुभद्रा पूर्वज
देवकीनंदन
वसुदेवात्मज
वो पार्थसारथी
गोप गोपीश्वर
अजेय अजन्मा
श्रीहरि दामोदर
प्रेम के पर्याय
परंतु वितृष्ण
वो राधावल्लभ
हैं वही श्री कृष्ण
✍️ आलोक कौशिक
सत्य के रक्षक
अधर्म समापक
दुष्ट विनाशी
धर्म स्थापक
हैं सुदामा सखा
सुभद्रा पूर्वज
देवकीनंदन
वसुदेवात्मज
वो पार्थसारथी
गोप गोपीश्वर
अजेय अजन्मा
श्रीहरि दामोदर
प्रेम के पर्याय
परंतु वितृष्ण
वो राधावल्लभ
हैं वही श्री कृष्ण
✍️ आलोक कौशिक
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रहा है। ऐसे में मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। प्रवक्ता डॉट कॉम इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।