धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” August 21, 2018 / August 21, 2018 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […] Read more » Featured अज्ञान अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती पाखण्ड सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्संग क्या और इससे लाभ April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on सत्संग क्या और इससे लाभ मनमोहन कुमार आर्य सत्संग एक प्रचलित शब्द है जिसका प्रायः सभी लोग बातचीत व परस्पर व्यवहार में प्रयोग करते है। आजकल किसी धार्मिक कथा आदि में जाने को ही सत्संग मान लिया जाता है। सत्संग का वास्तविक अर्थ क्या है, इस पर कम लोग ही ध्यान देते हैं। सत्संग दो शब्दों सत् और संग से […] Read more » Featured अग्निहोत्र अज्ञान अन्याय आत्मा ईश्वर ऋषिकृत ग्रन्थों क्रोध दुराचार देवयज्ञ मनुष्य लोभ सत्संग
धर्म-अध्यात्म अज्ञान और अंधविश्वास आध्यात्मिक उन्नति में बाधक October 21, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का उद्देश्य सांसारिक एवं आध्यात्मिक उन्नति करना है। यदि कोई मनुष्य आध्यात्मिक उन्नति की उपेक्षा कर केवल सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशील रहता है तो यह उसके लिए एकांगी होने से घातक ही कही जा सकती है। आध्यात्मिक उन्नति से मनुष्य सुख व शान्ति के साथ आत्मा की जन्म जन्मान्तरों […] Read more » Featured अज्ञान अंधविश्वास आध्यात्मिक उन्नति में बाधक