धर्म-अध्यात्म “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है, क्यों व कैसे?” July 25, 2018 / July 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम पृथिवी पर रहते हैं जिसका एक चन्द्रमा है और सुदूर एक सूर्य है जिससे हमें प्रकाश व गर्मी मिलती है। विज्ञान से सिद्ध हो चुका है कि सूर्य अपनी धूरी पर गति करता है और अन्य सभी ग्रह व उपग्रहों को भी गति देता है। पृथिवी अपनी धूरी पर घूमती […] Read more » ‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ऋषि दयानन्द क्यों व कैसे?” चन्द्र दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पृथिवी प्रकृति सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूर्य
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर स्थूल न होकर सूक्ष्मतम होने के कारण आंखों से दीखता नहीं है” July 14, 2018 / July 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमें किसी बात को सिद्ध करना हो तो हमें लिखित व दृश्य प्रमाण देने होते हैं। ईश्वर है या नहीं, इसका लिखित प्रमाण हमारे पास वेद के रुप में विद्यमान है। वेद ईश्वरीय ज्ञान है अर्थात् वेद ईश्वरप्रोक्त व ईश्वर के कहे हुए हैं। वेदों का ज्ञान ईश्वर से मनुष्यों तक कैसे […] Read more » “ईश्वर स्थूल न होकर सूक्ष्मतम होने के कारण आंखों से दीखता नहीं है” Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “सृष्टि में ईश्वर का अस्तित्व सत्य व यथार्थ है” July 13, 2018 / July 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हम जिस संसार को देखते हैं वह अति प्राचीन काल से विद्यमान है। यह कब बना, इसका प्रमाण हमें वेद, वैदिक साहित्य एवं इतिहास आदि परम्पराओं से मिलता है। आर्य लोग जब भी कोई पुण्य व शुभ कार्य करते हैं तो वह संकल्प पाठ का उच्चारण करते हैं। इसमें कर्मकर्त्ता यजमान […] Read more » “सृष्टि में ईश्वर का अस्तित्व सत्य व यथार्थ है” Featured अजन्मा अनादि अनुत्पन्न आनन्दयुक्त ईश्वर ऋषि दयानन्द नित्य निराकार विराट सर्वव्यापक सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान सर्वातिसूक्ष्म
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म का समग्रता से ज्ञान व प्रचार गुरुकुलीय शिक्षा से ही सम्भव” June 27, 2018 / June 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, गुरुकुल एक लोकप्रिय शब्द है। यह वैदिक शिक्षा पद्धति का द्योतक शब्द है। वैदिक धर्म व संस्कृति का आधार ग्रन्थ वेद है। वेद चार हैं जिनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद हैं। यह चार वेद सृष्टि के आरम्भ में सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, अनादि, अनन्त, न्यायकारी, सृष्टिकर्ता और जीवों के […] Read more » “वैदिक धर्म का समग्रता से ज्ञान व प्रचार गुरुकुलीय Featured अनन्त अनादि ऋग्वेद निराकार न्यायकारी यजुर्वेद शिक्षा से ही सम्भव” सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सामवेद सृष्टिकर्ता
धर्म-अध्यात्म “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व संचालन सम्भव है?” June 20, 2018 / June 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम जिस सृष्टि में रहते हैं वह विशाल ब्रह्माण्ड का एक सौर्य-मण्डल है। इस सौर्यमण्डल में मुख्यतः एक सूर्य, हमारी पृथ्वी और ऐसे व इससे भी बड़े अनेक ग्रह तथा हमारी पृथ्वी का एक चन्द्र व अन्य ग्रहों के चन्द्र के समान अनेक छोटे व बड़े उपग्रह हैं। वैदिक गणना के अनुसार […] Read more » “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व Featured अनादि अनुत्पन्न ईश्वर धार्मिक नित्य व अविनाशी निराकार संचालन सम्भव है?” सच्चिदानन्दस्वरूप सत्य सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वान्तर्यामी
धर्म-अध्यात्म “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त” June 15, 2018 / June 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो […] Read more » “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी Featured अनादि अनुत्पन्न अविनाशी चेतन पुनर्जन्म पूर्व जन्म पूर्वजन्म-जन्म-पुनर्जन्म बन्धन मोक्ष सुख व दुख होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त”
धर्म-अध्यात्म सच्ची स्तुति करने वालों को ईश्वर असंख्य ऐश्वर्य एवं अतुल विज्ञान देता है May 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर ने समस्त चराचर जगत को बनाया है। वही इसका पालन कर रहा है और वही इस ब्रह्माण्ड की अवधि पूर्ण होने पर इसकी प्रलय करता है। हमारे भीतर ज्ञान प्राप्ति की जो क्षमतायें हैं उसका अधिक से अधिक प्रयोग करके भी हम इस ब्रह्माण्ड की विशालता व इसके स्वरूप को पूर्णता […] Read more » Featured अनादि अनुत्पन्न अमर अल्पज्ञ अल्पशक्तिमान अविनाशी आत्मा अतिसूक्ष्म एकदेशी कर्मेन्द्रिय जन्म-मरण धर्मा ज्ञानेन्द्रिय महर्षि दयानन्द ससीम
धर्म-अध्यात्म “नास्तिक, ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ, मिथ्या कर्मकाण्ड व उपासना करने वाले मनुष्यों का परलोक वा भविष्य असुखद” May 19, 2018 / May 19, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “नास्तिक, ईश्वर के सत्यस्वरूप से अनभिज्ञ, मिथ्या कर्मकाण्ड व उपासना करने वाले मनुष्यों का परलोक वा भविष्य असुखद” मनमोहन कुमार आर्य, हम आंखों से जितना व जैसा संसार देखते हैं वह सब और जो नहीं देख पाते वह सब भी सच्चिदानन्द, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की रचना है। उसी परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को उत्पन्न कर उनके द्वारा ईश्वर, जीवात्मा और सृष्टि का यथार्थ व सत्य ज्ञान […] Read more » Featured अत्यन्त सूक्ष्म अनादि अनुत्पन्न अल्प शक्ति वाला अल्पज्ञ अविनाशी ईश्वर ऋषि दयानन्द एकदेशी
धर्म-अध्यात्म संसार में अनादि पदार्थ कितने व कौन कौन से हैं? April 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम जब आंखे बन्द करते हैं तो हमें कुछ दिखाई नहीं देता और जब आंखों को खोलते हैं तो हमें यह संसार दिखाई देता है। इस संसार में सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, नक्षत्र, लोक लोकान्तर आदि अनेक ग्रह व उपग्रह हैं। इनकी संख्या के बारे में विज्ञान के स्तर से भी माना व […] Read more » Featured अनादि अविनाशी ईश्वर चन्द्र चेतन नक्षत्र नित्य पृथिवी लोक सूर्य
धर्म-अध्यात्म पूजा क्या, किसकी, कैसे व क्यों करें? April 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जानता है कि वह अपूर्ण हैं। उसे अपने कार्यों को पूरा करने में दूसरे मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जहां मनुष्यों की सहायता से काम नहीं चलता क्योंकि मनुष्य वह कार्य नहीं कर सकते जिसकी हमें अपेक्षा होती है। ऐसा देखा गया है कि […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आचार्य दयालु निराकार निर्विकार न्यायकारी परिवार व समाज पिता मनुष्य माता सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सृष्टिकर्ता
धर्म-अध्यात्म ‘अनादि अविनाशी जीवात्मा कर्मानुसार जन्म-मरण-जन्म के चक्र अर्थात् पुनर्जन्म में आबद्ध’ February 20, 2016 / February 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में जन्म लेता है, अधिकतर 100 वर्ष जीवित रहता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जिस संसार व पृथिवी पर हम रहते हैं उसे हमने व हमारे पूर्वजों ने बनाया नहीं है अपितु उन्हें यह सृष्टि बनी बनाई मिली थी। इस संसार को किसने बनाया, इसका शास्त्र व […] Read more » अनादि अविनाशी जन्म-मरण-जन्म के चक्र जीवात्मा पुनर्जन्म में आबद्ध’