लेख आत्महत्या किसी भी सामान्य जीव की नैसर्गिक प्रवृत्ति है ही नहीं September 9, 2025 / September 9, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. एच.एस. राठौर पृथ्वी पर जीवन विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, पशु-पक्षी एवं सूक्ष्म जीवों के रूपों में प्रकट होता है और एक समय पर इनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है जिसे मृत्यु कहते है। मनुष्य जीवों में सर्वश्रेष्ठ है एवं विकासवाद के क्रम में सर्वोच्च स्थान पर है। सबसे परिष्कृत मस्तिष्क एवं किसी भी ऋतु […] Read more » आत्महत्या आत्महत्या किसी भी सामान्य जीव की नैसर्गिक प्रवृत्ति है ही नहीं
कविता सात सन्नाटे, एक संसार May 28, 2025 / May 28, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment एक घर था कभी, जहाँ हँसी भी गूंजती थी,आज वहीं शून्य की चीत्कार सुनाई देती है।सात देहें, सात कहानियाँ, सात मौन प्रश्न,और हम सब — अब भी चुप हैं… केवल देखते हैं। कहते हैं — “क्यों नहीं बताया?”पर क्या कभी हमने पूछा था — “कैसे हो?”कभी चाय पर बैठकर पूछा होतातो शायद ज़हर के प्याले […] Read more » Seven silences आत्महत्या
लेख साहित्य लंगड़ा गए तो मरने चले : आत्महत्या April 10, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आत्महत्या एक ऐसा भयंकर लव्ज़ जिसके सुनते ही हमारी आँखों के आगे एक भयानक मंज़र सामने आता है। कोई भी तब नहीं मरता जब वो सबसे हार जाता है, वो तब मौत के आग़ोश में जाता है जब वो खुदसे हार जाता है। कहने को तो ये मनचाही मौत होती है,पर ये एक ऐसी स्थिति […] Read more » आत्महत्या मरने चले
खेत-खलिहान फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम April 11, 2015 / April 11, 2015 by आदर्श तिवारी | 9 Comments on फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम बेमौसम हुए बरसात और ओलावृष्टि से किसानों के फसल बर्बाद हो गए है.किसानों की हालत दिन-ब- दिन दयनीय होती जा रही है.इसपर सक्रियता दिखाते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताया कि अब फसलों का नुकसान होने पर किसानो को ढेढ़ गुना मुआवजा दिया जायेगा,तो वहीँ किसानो के लिए राहत […] Read more » Featured आत्महत्या आदर्श तिवारी ओलावृष्टि किसान फसल बर्बाद फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम हरित क्रांति
खेत-खलिहान ओला-अनावृष्टि पीड़ित किसानों की आत्महत्याओं पर निष्ठुर नसीबवाले चुप क्यों हैं ? April 8, 2015 / April 11, 2015 by श्रीराम तिवारी | 1 Comment on ओला-अनावृष्टि पीड़ित किसानों की आत्महत्याओं पर निष्ठुर नसीबवाले चुप क्यों हैं ? इस देश का गरीब किसान तो सदियों से ही आत्महत्या के लिए मजबूर होता रहा है किन्तु ‘नसीबवालों’ के राज में तो गजब हो गया। हर संवेदनशील इंसान को देश के कोने-कोने से, प्रकृति की मार से पीड़ित किसानों की बिधवाओं का चीत्कार ही सुनायी दे रहा है। ओला-अनावृष्टि पीड़ित किसानों की आत्महत्याओं पर निष्ठुर नसीबवाले चुप क्यों हैं ? न केवल वामपंथी किसान संगठन […] Read more » Featured आत्महत्या ओला-अनावृष्टि किसानों की आत्महत्या पीड़ित किसान श्रीराम तिवारी ओला-अनावृष्टि पीड़ित किसानों की आत्महत्याओं पर निष्ठुर नसीबवाले चुप क्यों हैं ?
कहानी आत्महत्या September 2, 2014 / September 3, 2014 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment मुख्य कलाकार : कांस्टेबल रामसिंह सब इंस्पेक्टर काम्बले सूबेदार मेजर रावत डिप्टी कमांडेंट सिंह कमांडेंट देवेन्द्र सेकंड इन कमांडेंट यादव डॉक्टर कृष्णकुमार – साय्कोलोजिस्ट प्रारम्भ स्टेज पर पर्दा उठना सीन एक : [ स्टेज पर लाइट जलता है ] स्थान : ऑफिस का कोरिडोर स्टेज पर कांस्टेबल रामसिंह आता है और अपने एक साथी से […] Read more » आत्महत्या
आर्थिकी किसान का दर्द भी समझें नीता जी March 2, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सिवनी जिले के इतिहास का काला अध्याय है सिवनी विधानसभा के ग्राम थांवरी के एक किसान द्वारा की गई आत्महत्या। यह आत्महत्या किस कारण से की गई है, इसके पीछे तर्क कुतर्क जमकर हो रहे हैं। सियासी दल के नुमाईंदे आपस में इसे लेकर राजनैतिक रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। सिवनी की […] Read more » Farmers आत्महत्या किसान का दर्द नीता जी