धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज वैदिक धर्म प्रचारक एवं समाज सुधारक संस्था है March 10, 2021 / March 10, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज स्थापना दिवस पर--मनमोहन कुमार आर्य Read more » Aryasamaj आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज विश्व कल्याण सहित संसार से अविद्या दूर करने का आन्दोलन है February 4, 2021 / February 4, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआर्यसमाज एक सार्वभौमिक संगठन है जो संसार से धर्म व मनुष्य जीवन के क्षेत्र में सभी प्रकार की अविद्या को दूर करने के प्रयत्न करता है। आर्यसमाज की मुख्य विशेषता इसका ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर आधारित होना है। आर्यसमाज के पास वेदों के सत्य अर्थों से युक्त ज्ञान प्राप्त है। आर्यसमाज के संस्थापक […] Read more » Arya Samaj is a movement to remove ignorance Arya Samaj is a movement to remove ignorance from the world including world welfare. आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म वेदर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्यसमाज हमें प्रिय क्यों हैं? January 6, 2021 / January 6, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक संस्थायें एवं संगठन हैं। सब संस्थाओं एवं संगठनों के अपने अपने उद्देश्य एवं उसकी पूर्ति की कार्य-पद्धतियां है। सभी संगठन अपने अपने उद्देश्यों को पूरा करने के किये कार्य करते हैं। आर्यसमाज भी विश्व का अपनी ही तरह का एकमात्र अनूठा संगठन है। हमें लगता है कि आर्यसमाज […] Read more » love Arya Samaj established by Vedarshi Dayanand Why do we love Arya Samaj established by Vedarshi Dayanand आर्यसमाज वेदर्षि दयानन्द वेदर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज ज्ञान विज्ञान से पोषित सनातन वैदिक धर्म का रक्षक एवं प्रचारक है December 1, 2020 / December 1, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में अनेक संगठन एवं संस्थायें हैं। इन सबमें आर्यसमाज ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो मनुष्य मात्र के हित को ध्यान में रखकर ज्ञान व विज्ञान से पोषित सत्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार करता है। आर्यसमाज धर्म के नाम पर देश देशान्तर में फैले अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड तथा […] Read more » Arya Samaj is a protector and propagator of Sanatan Vedic religion enriched with knowledge science आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज ईश्वरीय ज्ञान वेद का प्रचारक संसार का अनोखा संगठन है September 5, 2020 / September 5, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक संगठन है जिनके अपने-अपने उद्देश्य व लक्ष्य हैं तथा जिसे पूरा करने के लिये वह कार्य व प्रचार करते हैं। सभी संगठन या तो धार्मिक होते हैं या सामाजिक। इनसे इतर भी अनेक विषयों को लेकर अनेक संगठन बनाये जाते हैं। देश की रक्षा करने के लिये भी […] Read more » आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज एक अद्वितीय धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय संगठन है August 28, 2020 / August 28, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में किसी विषय पर सत्य मान्यता एक व परस्पर पूरक हुआ करती हैं जबकि एक ही विषय में असत्य मान्यतायें अनेक होती व हो सकती हैं। संसार में ईश्वर व धर्म विषयक मान्यतायें भी एक समान व परस्पर एक दूसरे की पूर्वक होती हैं। इसी कारण से संसार में ईश्वर […] Read more » Aryasamaj is a social and national organization Aryasamaj is a unique religious आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज सत्य के प्रचार और असत्य को छुड़ाने का एक सार्वभौमिक आन्दोलन है August 19, 2020 / August 19, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज विश्व का ऐसा एक अपूर्व संगठन है जो किसी मनुष्य व महापुरुष द्वारा प्रचारित मत का प्रचार नहीं करता अपितु सृष्टि में विद्यमान सत्य की खोज कर सत्य का स्वयं ग्रहण करता व उसके प्रचार द्वारा विश्व के सभी मनुष्यों से उसे अपनाने, ग्रहण व धारण करने का आग्रह करता […] Read more » Arya Samaj is a universal movement to propagate truth and redeem untruth. आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
राजनीति दिग्गी राजा और भारत की विधिक व्यवस्था September 27, 2019 / September 30, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आजकल हमारे देश में ऐसे लोग कानून की बात करते हैं जिन्हें कानून का क , ख , ग पता नहीं होता , इसी प्रकार ऐसे लोग भी हमारे देश में पर्याप्त हैं जो चिकित्सा विज्ञान के विषय में कुछ भी नहीं जानते परंतु दूसरों को उनकी बीमारियों का उपचार बताते रहते हैं । इतना […] Read more » आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज वैदिक धर्म प्रचारक एवं समाज सुधारक संस्था है” March 3, 2019 / March 3, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज ऋषि दयानन्द द्वारा चैत्र शुक्ल पंचमी तदनुसार 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में स्थापित एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रवादी एवं वैदिक राजधर्म की प्रचारक संस्था व आन्दोलन है। ऋषि दयानन्द को आर्यसमाज की स्थापना इसलिए करनी पड़ी क्योंकि उनके समय में सृष्टि के आदिकाल में ईश्वर से प्रादुर्भूत सत्य […] Read more » Aryasamaj Establishment of Aryasamaj आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म परमात्मा ने पशु-पक्षियों की भांति मनुष्यों को जीवनयापन का ज्ञान नहीं दिया, इसका कारण पता नहीं चलता : डॉ. वागीश शास्त्री December 24, 2018 / December 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज-धामावाला, देहरादून का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव आज दिनांक 21 दिसम्बर, 2018 को आरम्भ हुआ। आज अपरान्ह द्वितीय सत्र में बिजनौर से पधारे भजनोपदेशक श्री कुलदीप आर्य तथा तबला वादक श्री अश्विनी आर्य जी की टीम के भजन तथा आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान डॉ. […] Read more » आर्यसमाज पीले मधुर घूंट श्री कुलदीप आर्य
धर्म-अध्यात्म ‘यज्ञ करने से परमात्मा की पूर्ण भक्ति हो जाती हैः डॉ. महेश विद्यालंकार’ December 20, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य गुरुकुल गौतमनगर दिल्ली का वार्षिकोत्सव एवं चतुर्वेद पारायण यज्ञ रविवार दिनांक 16-12-2018 को सोत्साह सम्पन्न हुआ। वेद पारायण यज्ञ के ब्रह्मा प्रसिद्ध वैदिक विद्वान डॉ. महावीर अग्रवाल थे। इस अवसर चतुर्वेद पारायण यज्ञ की पूर्णाहुति होने सहित अनेक विद्वानों के प्रवचन हुए। तीन विद्वानों का सम्मान भी किया गया। इस लेख में […] Read more » आर्यसमाज डॉ. महेश विद्यालंकार जी स्वामी त्यागानन्द स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म “क्या हमारे प्रचारकों का जीवन ऋषि दयानन्द व स्वामी श्रद्धानन्द आदि के समान हैं” December 10, 2018 / December 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज का उद्देश्य वेदों के सिद्धान्तों, मान्यताओं व विचारधारा का जन-जन में प्रचार करना है। यह कार्य आर्यसमाज के अनुयायी व इसके विद्वान आर्यसमाज की स्थापना के समय से करते चले आ रहे हैं। आर्यसमाज का विस्तार हुआ इसमें तो किसी को भी शंका नहीं है परन्तु जितना कार्य हो […] Read more » “क्या हमारे प्रचारकों का जीवन ऋषि दयानन्द व स्वामी श्रद्धानन्द आदि के समान हैं” आर्यसमाज न्यायालय