महत्वपूर्ण लेख मीडिया चुप क्यों ? August 27, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on मीडिया चुप क्यों ? -मूलचंद सूथर- एक वर्ष पहले तक शंकराचार्य व संत समुदाय हिन्दू धर्म हिन्दू धर्म का राग अलापते थे। अटल बिहारी जी को प्रधानमंत्री बनाने की शक्ति भी हिन्दू धर्म हिन्दू धर्म का राग अलापते, दिलाई थी।यह तो धन्यवाद दो अधिष्ठाता, प्रकृति शक्ति पीठ के भगवान प्रजापति को जिन्होंने खेजड़ा एक्सप्रेस से धुंआधार सत्य का धर्म युद्ध शुरू किया -सनातन धर्म -संस्कृति […] Read more » इंडिया भारत मीडिया चुप क्यों
विविधा इराक, इंडिया ओर इंडियन्स June 20, 2014 by अंकुर विजयवर्गीय | Leave a Comment -अंकुर विजयवर्गीय- बुरे सपने सच होते लग रहे हैं। सुन्नी समुदाय के बागियों द्वारा पहले इराक के मोसूल पर और अब टिकरित पर कब्जे ने इस मुल्क को सवालिया घेरे में ला दिया है। यह उम्मीद भी अब खत्म-सी हो चली है कि वजीर-ए-आजम नूरी अल-मलिकी अपनी खोई जमीन दोबारा हासिल कर लेंगे। यकीनन यह […] Read more » इंडियन्स इंडिया इराक
कला-संस्कृति विराट भारत – समाज अपना May 8, 2014 by कन्हैया झा | Leave a Comment -कन्हैया झा- संस्कृत के शब्द विराट का अर्थ है “एक ऐसा विशाल जिसमें सब चमकते हैं”. इसी शब्द से जुड़े अन्य शब्द सम्राट, एकराट (मनुष्य), राष्ट्र आदि हैं. अर्थात विराट भारत की कल्पना एक ऐसे राष्ट्र की है जिसका तंत्र सभी को सुख देने में समर्थ है. “सर्वे भवन्तु सुखिनः” श्रृंखला के पिछले ९ लेखों […] Read more » इंडिया भारत भारतीय समाज भारतीय संस्कृति विराट भारत
समाज भारत और इंडिया के बीच बढ़ती खाई September 25, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on भारत और इंडिया के बीच बढ़ती खाई -बरुण कुमार सिंह कभी-कभी लगता है कि ऊपर वाले का इनसान में यकीन नहीं है। जन्म की दुर्घटना कभी किसी झुग्गी में होती है, कभी कोठी में। एक के पास खाने को नहीं है, दूसरे के पास चुनने की दिक्कत है। क्या खाए, क्या नहीं। ऊपर वाले की नाइंसापफी कोई झेल भी ले, आदमी भी […] Read more » India इंडिया भारत
राजनीति इट्ज ओनली हैप्पन इन इंडिया July 12, 2010 / December 23, 2011 by नवीन देवांगन | Leave a Comment -नवीन देवांगन लो एक और इंसान का जीते जी एक और मंदिर बन कर तैयार है। हमारी भावी पीढ़ी नारियल फूल माला ले कर इस मंदिर के घंटा बजाकर न जाने कौन-कौन सा वरदान मांगे? धन्य है भारतनगरी? और धन्य है यहां रहने वाले? यहां ये सवाल उठना लाज़मी है कि जिस निर्विकार को हम […] Read more » India इंडिया