धर्म-अध्यात्म क्या इस सृष्टि को बनाने वाला कोई ईश्वर है? May 27, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य क्या वस्तुतः ईश्वर है? यह प्रश्न वेद और वैदिक साहित्य से अपरिचित प्रायः सभी मनुष्यों के मन व मस्तिष्क में यदा कदा अवश्य उत्पन्न हुआ होगा। संसार में अपौरुषेय कार्यों, सूर्य सहित समस्त ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, उसके संचालन, मनुष्य आदि प्राणियों की उत्पत्ति सहित कर्मफल व्यवस्था व सुख-दुःख आदि को देखकर ईश्वर […] Read more » ईश्वर क्या इस सृष्टि को बनाने वाला कोई ईश्वर है?
प्रवक्ता न्यूज़ मनुष्य के मुख्य कर्तव्य ईश्वर की उपासना और पर्यावरण की रक्षा April 17, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के प्रमुख कर्तव्यों में से एक ईश्वर के सत्य व यथार्थ स्वरूप को जानना व उससे लाभ प्राप्त करना है। ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानने के लिए आप्त पुरूष अर्थात् सच्चे ज्ञानी, वेद व वैदिक साहित्य के विद्वान, ईश्वर भक्त, चिन्तक, सरल जीवन व उच्च विचार के धनी सहित साधक वा […] Read more » ईश्वर ईश्वर की उपासना पर्यावरण की रक्षा मनुष्य के मुख्य कर्तव्य
चिंतन धर्म-अध्यात्म सृष्टि का रचयिता ईश्वर ही है April 16, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और पृथिवी पर जन्में हैं। पृथिवी माता के समान अन्न, फल, गोदुग्ध आदि पदार्थों से हमारा पोषण व रक्षण करती है। हमारे शरीर में दो आंखे बनाई गईं हैं जिनसे हम संसार की वस्तुओं को देखते वा उन्हें अनुभव करते हैं। हम पृथिवी व उसकी सतह के ऊपर स्थित […] Read more » ईश्वर सृष्टि का रचयिता
धर्म-अध्यात्म ईश्वर अनादि काल से अनन्त काल तक सबका एकमात्र साथी April 1, 2016 / April 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जन्म व मरण धर्मा है परन्तु मनुष्य शरीर में निवास करने वाला जीवात्मा अजन्मा व अमर है। जीवात्मा अनादि व अनुत्पन्न होने के अविनाशी व अमर भी है। हमारे इस इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि ईश्वर किसी जीवात्मा का साथ कभी नहीं छोड़ता। इसे इस प्रकार भी कह […] Read more » अनन्त काल अनादि काल ईश्वर सबका एकमात्र साथी
धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ ईश्वर का अवतार होना सत्य वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है। February 13, 2016 / February 13, 2016 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on ईश्वर का अवतार होना सत्य वैदिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है। मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद भारत में ज्ञान का लोप होने से अन्धकार फैला। ऐसे ही समय में वेद व वैदिक साहित्य से अनेक प्रसंगों में अज्ञान व कल्पनाओं का मिश्रण कर संस्कृत व काव्य रचने में प्रवीण विद्वानों ने पुराणों आदि ग्रन्थों की रचना की। ऐसे ही समय में, देश, काल व […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म सब सत्य विद्याओं एवं उससे उत्पन्न किए व हुए संसार व पदार्थों का मूल कारण ईश्वर November 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment हम कोई भी काम करते हैं तो उसमें विद्या अथवा ज्ञान का प्रयोग करना अनिवार्य होता है। अज्ञानी व्यक्ति ज्ञान के अभाव व कमी के कारण किसी सरल कार्य को भी भली प्रकार से नहीं कर सकता। जब हम अपने शरीर का ध्यान व अवलोकन करते हैं तो हमें इसके आंख, नाक, कान, श्रोत्र, बुद्धि, […] Read more » Featured ईश्वर सत्य विद्याओं एवं उससे उत्पन्न किए व हुए संसार व पदार्थों का मूल कारण संसार व पदार्थों का मूल कारण ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, माता-पिता, आचार्य, वायु, जल व अन्न आदि देवताओं का ऋणी मनुष्य October 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार में पूर्व जन्म के प्रारब्ध को लेकर जन्म लेता है। माता-पिता सन्तान को जन्म देने व पालन करने वाले होने से सभी सन्तानें इन दो चेतन मूर्तिमान देवताओं की ऋणी हैं। माता अपनी सन्तान को दस महीनों तक गर्भ में रखकर उसे जन्म देने योग्य बनाती है, इससे उसे […] Read more » Featured अन्न आचार्य ईश्वर जल देवताओं का ऋणी मनुष्य माता पिता वायु
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है परन्तु वह कभी किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता September 22, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ईश्वर कैसा है? इसका सरलतम् व तथ्यपूर्ण उत्तर वेदों व वैदिक शास्त्रों सहित धर्म के यथार्थ रूप के द्रष्टा व प्रचारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने ग्रन्थों में अनेक स्थानों में प्रस्तुत किया है जहां उनके द्वारा प्रस्तुत ईश्वर विषयक गुण, विशेषण व सभी नाम तथ्यपूर्ण एवं परस्पर पूरक हैं, विरोधी नहीं। सत्यार्थ प्रकाश के […] Read more » ‘ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है Featured ईश्वर किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, वेद, राजर्षि मनु व महर्षि दयानन्द सम्मत शासन प्रणाली September 8, 2015 / September 8, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने सप्रमाण घोषणा की थी कि वेद ईश्वरीय ज्ञान है एवं यही धर्म व सभी सत्य विद्याओं के आदि ग्रन्थ होने से सर्वप्राचीन एवं सर्वमान्य हैं। यदि ऐसा है तो फिर वेद में देश की राज्य व शासन व्यवस्था कैसी हो, इस पर भी विचार मिलने ही चाहियें। महर्षि दयानन्द […] Read more » Featured ईश्वर महर्षि दयानन्द सम्मत शासन प्रणाली राजर्षि मनु वेद
धर्म-अध्यात्म ईश्वर हमें तीन सौ वर्ष की आयु प्रदान करें June 29, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment संसार का प्रत्येक मनुष्य चाहता है कि वह स्वस्थ हो, बलवान हो, सुखी हो व सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं व आनन्द की सामग्री से सम्पन्न हो। इसके साथ ही वह दीघार्यु भी होना चाहता है। दीघार्यु हमारे पूर्व जन्म व इस जन्म में किये गए शुभ व पुण्य कर्मो का परिणाम होती है। मनुष्य को […] Read more » ईश्वर तीन सौ वर्ष की आयु
धर्म-अध्यात्म प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें? May 7, 2015 / May 7, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें? –मनमोहन कुमार आर्य– -वैदिक जीवन का एक नित्य कर्तव्य- वेद ईश्वरीय ज्ञान है। सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्य वेदों के अनुसार ही जीवन व्यतीत करते आयें हैं। रात्रि को मनुष्यों को कब सोना चाहिये, प्रातः काल कब जागना चाहिये और प्रथम क्या कर्तव्य हैं, इसका उल्लेख वेदों के आधार पर महर्षि दयानन्द […] Read more » Featured ईश्वर दयानंद सरस्वती प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें ? वेद
धर्म-अध्यात्म विविधा सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति April 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- ईश्वर ने मनुष्य को ऐसा प्राणी बनाया है जिसमें शक्ति वा ऊर्जा की प्राप्ति के लिए इसे भोजन की आवश्यकता पड़ती है। यदि इसे प्रातः व सायं दो समय कुछ अन्न अर्थात् रोटी, सब्जी, दाल, कुछ दुग्ध व फल आदि मिल जायें तो इसका जीवन निर्वाह हो जाता है। भोजन के बाद […] Read more » Featured ईश्वर महर्षि दयानंद वेद सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति