साहित्य
कहो कौन्तेय-४६
/ by विपिन किशोर सिन्हा
विपिन किशोर सिन्हा (विराट नगर पर त्रिगर्तों का आक्रमण) एक के बाद एक मास व्यतीत हुए जा रहे थे। दुर्योधन के माथे पर चिन्ता की लकीरें और गहरी होती जा रही थीं। उसने आर्यावर्त के कोने-कोने में अपने गुप्तचर भेज रखे थे। कम्बोज, कश्मीर, गांधार, पंचनद, सिन्ध, कुलिन्द, तंगण, विदेह, पांचाल, कोसल, किरात, मथुरा, बंग, […]
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