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गांधीवाद की परिकल्पना – 2

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गांधीवाद समस्या की इस जड़ को सदैव बनाये रखना चाहता है। गांधीवादी विचारधारा के ध्वजवाहक नेहरू जी ने भारी उद्योगधंधों का प्रचलन भारत में किया। इससे लाखों करोड़ों लोगों के परम्परागत काम धंधे यथा लुहार, बढ़ई, चर्मकार, जुलाहा आदि बेरोजगार हो गये। कुछ लोगों को रोजगार मिला तो आनुपातिक दृष्टिकोण से बहुत से लोगों का धंधा छिना भी-अर्थात वे बेरोजगार हुए। बड़े उद्योगों के स्थान पर लघु उद्योगों और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाता तो हमारी सामाजिक स्थिति आज कुछ दूसरी ही होती।

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