समाज विकसित संस्कृति पर विकृत मानसिकता हावी June 2, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -डॉ. अतुल कुमार भारत की मूल सभ्यता आर्य-द्रविड़ या सिन्धु घाटी की है जो आधुनिक काल में हिन्दु कहलायी। जाति प्रथा इसी हजारों सालों पुरानी सभ्यता सनातन धर्म की पहचान है, जिसका मूल आधार वर्ण व्यवस्था है। मनुवादी वर्ण-व्यवस्था ने समय के काल में वशंवादी स्वरूप ले लिया। यद्यपि जन्मगत स्वरूप में सभी शूद्र हैं […] Read more » Ethnic census जाति व्यवस्था जातीय जनगणना
समाज एकलव्य कुशल तिरंजादी कर क्षत्रिय नहीं बन सका June 2, 2010 / December 23, 2011 by संजय स्वदेश | 2 Comments on एकलव्य कुशल तिरंजादी कर क्षत्रिय नहीं बन सका -संजय स्वदेश जाति आधारित जनगणना पर काफी बहस छिड़ी है। बहस के बीच एक प्रबुद्ध मित्र का स्वागतयोग्य विचार आया कि जाति कुशलता पर गौर करना चाहिए। लगा कि जातिय आधारित जनगणना के बहस में निश्चय ही जातिय कौशल की बात छूट रही है। प्रबुद्ध लोगों को जातिय आधारित औद्योगिक व्यवस्था पर ईमानदारी से चिंतन […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ June 1, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ सरकार्यवाह श्री. भैया जी जोशी की नागपुर में 23/5/2010, रविवार को दोपहर में हुई प्रेसवार्ता का शब्दांकन अभी इस समय जनगणना की तैयारी चल रही है। इसमें दो-तीन विषय हैं, जिन्हें मैं आपके सामने रखना उचित समझता हूँ। एक, इसी समय नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाने की बात शुरू हुई है, यह तो बनेगा पर इसमें […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जनगणना : हिन्दू हम सब एक June 1, 2010 / December 23, 2011 by विजय कुमार | 6 Comments on जनगणना : हिन्दू हम सब एक -विजय कुमार अब तो फिल्म देखे बरसों हो गये; पर छात्र जीवन में ऐसा नहीं था। उस समय फिल्मों में नायक-नायिका के साथ एक खलनायक भी होता था। प्राय: प्राण, प्रेम चोपड़ा, अजीत, शत्रुघ्न सिन्हा, डैनी आदि कलाकार यह भूमिका करते थे। कुछ फिल्मों में खलनायक भिखारियों के गिरोह का मुखिया होता था। वह छोटे […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी June 1, 2010 / December 23, 2011 by अरुण माहेश्वरी | 5 Comments on जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी -अरुण माहेश्वरी भारत में वर्ण-व्यवस्था की प्राचीनता अब बहस का विषय नहीं है। वर्ण-व्यवस्था सनातन धर्म का मूलाधार रही है। इतिहासकारों ने इस विषय पर भी काफी गंभीर काम किये हैं कि वर्ण-व्यवस्था के ढांचे के अंदर ही जातियों के लगातार विभाजन और पुनर्विभाजन के जरिये कैसे यहां एक प्रकार की सामाजिक गतिषीलता बनी रही […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे जाति आधारित जनगणना के May 31, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो -दीनानाथ मिश्र जाति प्रथा की जड़ें गहरी हैं, हज़ारों साल गहरी। यह नहीं कि इतिहास में इसको समाप्त करने की कोशिश नहीं हुई लेकिन इसके महाप्रयास भी जातीय निष्ठा का कुछ नहीं बिगाड़ सके। यह नहीं कि इस प्रथा का कोई लाभ नहीं हुआ। बलात् हिंसा पूर्वक धर्म परिवर्तन के खूनी अभियानों को बहुत हद […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जाति न पूछो साधु की…. May 31, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 3 Comments on जाति न पूछो साधु की…. -गिरीश पंकज महान कवि कबीर ही कह गए हैं शायद, कि – जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान. मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान। आज से छह सौ साल पहले जातिवाद के कारण सामाजिक समरसता पर असर पड़ता देख कर कवि ने जाति विरोधी दोहा लिखा था और समाज को प्रगतिशील […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
परिचर्चा परिचर्चा : क्या जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए? May 29, 2010 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 75 Comments on परिचर्चा : क्या जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए? देश में ‘2011 की जनगणना’ का कार्य चल रहा है। पिछले दिनों विपक्ष सहित सत्तारूढ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कई घटक दलों ने जनगणना में जाति को आधार बनाने की मांग की। केंद्र सरकार ने दवाब में आकर उनकी मांग को स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में घोषणा की कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना