जन-जागरण विधि-कानून फांसी पर मानवाधिकार संगठनों के विलाप का औचित्य ? March 25, 2020 / March 25, 2020 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानीजब भी हमारे देश भारतवर्ष में अथवा मृत्यु दंड देने वाले किसी भी देश में किसी व्यक्तिअपराधी को मृत्यु दंड दिए जाने की ख़बर सुनाई देती है उसी ख़बर के सामानांतर प्रायः ऐसी ख़बर कि मानवाधिकारों की रक्षा ज़िम्मा उठाने वाले अनेक संगठन उस फांसी अथवा मृत्युदंड का विरोध भी कर रहे हैं। आम […] Read more » Justify the lament of human rights organizations on hanging फांसी फांसी पर मानवाधिकार संगठनों के विलाप
महिला-जगत राजनीति देश में असुरक्षित स्त्री April 24, 2018 / April 25, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव कठुआ, उन्नाव, सूरत और राजस्थान में मासूम बलिकाओं और महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्मो के बाद पनपे जनाक्रोश के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पाॅक्सो एक्ट में बदलाव का बड़ा फैसला लिया है। अब बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा का भी प्रावधान […] Read more » Featured उन्नाव कठुआ फांसी बलात्कार भंवरी देवी सूरत और राजस्थान
राजनीति फांसी को धार्मिकता का रंग न दे ओवैसी July 27, 2015 / July 27, 2015 by आदर्श तिवारी | Leave a Comment सर्वोच्च न्यायालय ने याकूब मेमन को मिली मौत की सज़ा को बरकरार रखा है, लेकिन अब भी वो इस सज़ा से बचने के लिए प्रयासरत है, हालांकि लगभग तय है कि इसकी सज़ा बरकरार रहेगी, इसके बाद कई तथाकथित सेकुलर ऐसे प्रलाप कर रहे मानों पहली बार भारत में फांसी दी जा रही हो.भारत में […] Read more » ओवैसी फांसी
विधि-कानून क्या उम्र कैद फांसी का विकल्प है ? September 4, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मनीराम शर्मा फांसी की सजा के विषय में हमेशा से ही विवाद बना रहा है| कुछ उदारवादी लोगों का कहना है कि जब जीवन देना मनुष्य के वश में नहीं है तो जीवन लेने का अधिकार भी नहीं है | ऐसी परिस्थितियों में फांसी की सजा या मृत्यु दण्ड का औचित्य नहीं रह जाता है| […] Read more » fansi फांसी