कविता माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन April 5, 2018 by आर के रस्तोगी | 3 Comments on माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन आर के रस्तोगी जो कभी दुश्मन थे,आज सत्ता के लिए मिलन हो रहा आज अखिलेश माया का चुनाव के लिए मिलन हो रहा क्या ये दोनों का मिलन भविष्य में,क्या कोई गुल खिलायेगा ? सन २०१९ का आने वाला चुनाव क्या इनको सत्ता दिलायेगा ? जो कभी परछाई के दुश्मन थे,आज एक दूजे के गले […] Read more » Featured अखिलेश यादव जनता दलित दुश्मनी भारत बंद मामता मायावती सुप्रीम कोर्ट सोनिया
राजनीति व्यंग्य भारत खुला, मुंह बंद November 30, 2016 by विजय कुमार | Leave a Comment जब से मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की है, देश के अधिकांश राजनेताओं, काले धन पर ऐश कर रहे सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों की तरह शर्मा जी भी बहुत बेचैन हैं। वैसे शर्मा जी बहुत सज्जन आदमी हैं। उनका मन भले ही काला हो, पर काले धन से उनका कोई खास लेना-देना नहीं है। फिर […] Read more » bharat band against notebandi Featured भारत खुला भारत बंद मुंह बंद
राजनीति विविधा भारत बंद लोकलुभावन या लोकहितकारी June 4, 2012 / June 4, 2012 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफरी देश के किसी न किसी राजनैतिक दल द्वारा समय-समय पर आहूत किया जाने वाला भारत बंद का प्रभाव गत् 31 मई को भी देश के बड़े हिस्से में देखने को मिला। इस बार का भारत बंद का आह्वान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ-साथ वामपंथियों द्वारा भी किया गया था। मज़े […] Read more » भारत बंद भारत बंद लोकलुभावन
राजनीति क्या भारत बंद के साथ मीडिया खड़ा होगा July 5, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on क्या भारत बंद के साथ मीडिया खड़ा होगा -जगदीश्वर चतुर्वेदी भारत के कारपोरेट मीडिया और केन्द्र सरकार में एक समानता है कि ये दोनों झूठ बोल रहे हैं और एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम कर रहे हैं। मीडिया का सरकार का पूरक बन जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मौत है। सत्य के सार्वजनिक परिदृश्य से गायब हो जाने की शुरूआत है। […] Read more » India भारत बंद
प्रवक्ता न्यूज़ भारतबंदः कारपोरेट मीडिया की दिमागी गुलामी है मनमोहन प्रेम April 28, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on भारतबंदः कारपोरेट मीडिया की दिमागी गुलामी है मनमोहन प्रेम कल मंहगाई के सवाल पर भारतबंद था। यह भारत बंद मंहगाई और अन्य समस्याओं पर जनता के गुस्से का इज़हार है। यह संघर्षशील जनता की हाल के समय में सबसे सार्थक कार्रवाई भी है। जिस समय बंद चल रहा था उसी समय संसद में मंहगाई और दूसरी समस्याओं पर विपक्ष के बजट कटौती […] Read more » Corporate Media कारपोरेट मीडिया भारत बंद