धर्म-अध्यात्म सृष्टि उत्पत्ति विषयक वैदिक सिद्धान्त और महर्षि दयानन्द May 6, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि की उत्पत्ति के विषय में महाभारत काल के बाद उत्पन्न मत-मतान्तरों के साहित्य में अनेक प्रकार की अवैज्ञानिक व अविश्वनीय विचार पायें जाते हैं। महर्षि दयानन्द इन सबमें अपवाद हैं। उनके जीवन में शिवरात्रि को घटी चूहे की घटना बताती है कि उन्होनें किशोरावस्था में ही जीवन की सभी बातों को […] Read more » महर्षि दयानन्द सृष्टि उत्पत्ति विषयक वैदिक सिद्धान्त
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द को राष्ट्रकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाव-भरित श्रद्धांजलि April 23, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर व उनके परिवार से उनके निवास पर मिले थे। आपका जन्म कोलकत्ता में 7 मई सन् 1861 को हुआ तथा मृत्यु भी कोलकत्ता में ही […] Read more » भाव-भरित श्रद्धांजलि महर्षि दयानन्द राष्ट्रकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर
धर्म-अध्यात्म क्या संसार महर्षि दयानन्द की मानव कल्याण की यथार्थ भावनाओं को समझ सका? April 5, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश व समाज सहित विश्व की सर्वांगीण उन्नति का धार्मिक व सामाजिक कार्य किया है। क्या हमारे देश और संसार के लोग उनके कार्यों को यथार्थ रूप में जानते व समझते हैं? क्या उनके कार्यों से मनुष्यों को होने वाले लाभों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान विश्व व […] Read more » महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द की मानव कल्याण
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष March 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ऋषि जन्मोत्सव (3 मार्च) एवं बोधोत्सव (7 मार्च) पर ‘सभी धार्मिक मान्यताओं को सत्य की कसौटी पर कस कर उसका प्रचार करने वाले महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष’ मनमोहन कुमार आर्य देश और संसार में प्रतिदिन लाखों लोग जन्म लेते हैं और अपनी आयु भोग कर काल के गाल में समा जाते हैं। सृष्टि […] Read more » महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष’
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द के मुम्बई में वर्ष १८८२ में दिए गए कुछ ऐतिहासिक व्याख्यान January 17, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने मुम्बई में जनवरी से जून, 1882 के अपने प्रवास में वहां की जनता को उपदेश दिये थे जो आर्यसमाज, काकड़वाड़ी, मुम्बई के मन्त्री द्वारा नोट कर उन्हें आर्यसमाज के कार्यवाही रजिस्टर में गुजराती भाषा में लिख कर सुरक्षित किया गया था। आज के लेख में महर्षि दयानन्द के उन 24 उपलब्ध […] Read more » महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द के मुम्बई में वर्ष १८८२ में दिए गए कुछ ऐतिहासिक व्याख्यान
समाज महर्षि दयानन्द का नवदम्पत्तियों व गृहस्थियों को वेदसम्मत कर्तव्योपदेश January 8, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द महाभारतकाल के बाद संसार में वेदों के सर्वाधिक ज्ञानसम्पन्न विद्वान व ऋषि हुए हैं। उन्होंने वेदों वा वेदों की संहिताओं की खोज कर उनका संरक्षण करने के साथ वेदों पर भाष्य भी किया। मनुष्य जाति मुख्यतः वेदप्रेमियों का यह दुर्भाग्य था कि कुछ पतित लोगों ने उनको विषपान करा कर अकाल मृत्यु का […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द वदम्पत्तियों व गृहस्थियों वेदसम्मत कर्तव्योपदेश
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द द्वारा लिखित व प्रकाशित ग्रन्थों पर एक दृष्टि December 9, 2015 / December 9, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य दयानन्द (1825-1883) ने सन् 1863 में अपने गुरू दण्डी स्वामी विरजानन्द सरस्वती की मथुरा स्थित कुटिया से आगरा आकर वैदिक धर्म का प्रचार आरम्भ किया था। धर्म प्रचार मुख्यतः मौखिक प्रवचनों, उपदेशों व व्याख्यानों द्वारा ही होता है। इसके अतिरिक्त अन्य धर्मावलम्बियों के साथ अपने व उनकी मान्यताओं व सिद्धान्तों की चर्चा […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म दया के सागर महर्षि दयानन्द November 26, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द के जीवन में अन्य अनेक गुणों के साथ ‘दया’ नाम का गुण असाधारण रूप में विद्यमान था। उनमें विद्यमान इस गुण ‘दया’ से सम्बन्धित कुछ उदाहरणों को आर्यजगत के महान संन्यासी और ऋषिभक्त स्वामी वेदानन्द तीर्थ ने अपनी बहुत ही प्रभावशाली व मार्मिक भाषा में प्रस्तुत किया है। पाठकों को […] Read more » दया के सागर महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वर व जीवात्मा का यथार्थ उपदेश देने से महर्षि दयानन्द विश्वगुरु हैं November 25, 2015 / November 25, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment यह संसार वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक अनबुझी पहेली ही है। आज भी वैज्ञानिक इस सृष्टि के स्रष्टा की वास्तविक सत्ता व स्वरुप से अपरिचित हैं। यदि उन्होंने महर्षि दयानन्द सरस्वती की तरह वेदों की शरण ली होती तो वह इस रहस्य को जान सकते थे। आज का संसार दोहरे मापदण्डों वाला संसार […] Read more » ईश्वर व जीवात्मा का यथार्थ उपदेश महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द विश्वगुरु हैं
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द प्रोक्त वेद सम्मत ब्राह्मण वर्ण के गुण-कर्म-स्वभाव November 22, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वैदिक वर्ण व्यवस्था के सन्दर्भ में यह जड़-चेतन संसार ईश्वर से उत्पन्न हुआ है। ईश्वर, जीवात्मायें और प्रकृति, तीन नित्य सत्तायें हैं जिनमें ईश्वर व जीवात्मा चेतन एवं प्रकृति जड़ पदार्थ हैं। ईश्वर व जीवात्मा संवेदनाओं से युक्त व प्रकृति संवेदनारहित है। जीवात्माओं के पूर्व जन्म में अर्जित प्रारब्ध वा कर्मों के फलों एवं सुख-दुःख […] Read more » ब्राह्मण वर्ण के गुण-कर्म-स्वभाव महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की कुछ प्रमुख मान्यतायें November 8, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेदों पर आधारित महर्षि दयानन्द जी की कुछ प्रमुख मान्यताओं को पाठकों के लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं: ईश्वर विषयक ईश्वर कि जिसके ब्रह्म, परमात्मादि नाम हैं, जो सच्चिदानन्दादि लक्षणयुक्त है, जिसके गुण, कर्म, स्वभाव पवित्र हैं, जो सर्वज्ञ, निराकार, सर्वव्यापक, अजन्मा, अनन्त, सर्वशक्तिमान, दयालु, न्यायकारी, सब सृष्टि का कर्ता, धर्ता, हर्ता, सब जीवों को […] Read more » Featured दयानन्द सरस्वती जी की कुछ प्रमुख मान्यतायें महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म क्या महर्षि दयानन्द को वेद की पुस्तकें धौलपुर से प्राप्त हुईं थीं? November 3, 2015 / November 3, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द जी अपने विद्यागुरू प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती से अध्ययन पूरा कर और गुरु दक्षिणा की परम्परा का निर्वाह कर गुरुजी को दिए वचन के अनुसार भावी योजना को कार्यरूप देने वा निश्चित करने के लिए मथुरा से आगरा आकर रहे थे और यहां लगभग डेढ़ वर्ष रहकर उपदेश व प्रवचन आदि के द्वारा […] Read more » महर्षि दयानन्द