धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म की वेदी पर प्रथम बलिदान: महर्षि दयानन्द October 31, 2015 / October 31, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज 30 अक्तूबर को बलिदान दिवस पर आज महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का बलिदान दिवस है। आज ही के दिन 30 अक्तूबर, सन् 1883 को अजमेर में सूर्यास्त के समय महर्षि दयानन्द ने अपने जीवन की अन्तिम सांस ली थी। उनके बलिदान का कारण उनका वैदिक धर्म का प्रचार करना था। स्वार्थी, पाखण्डी व अज्ञानी […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द वैदिक धर्म की वेदी पर प्रथम बलिदान
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज मुझे क्यों प्रिय हैं? October 20, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले तो हमें आदर्श महापुरूष के रूप में […] Read more » Featured आर्यसमाज महर्षि दयानन्द सत्यार्थ-प्रकाश
विविधा क्या देश ने महर्षि दयानन्द को उनके योगदान के अनुरूप स्थान दिया? September 27, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने भारत से अज्ञान, अन्धविश्वास आदि दूर कर इनसे पूर्णतया रहित सत्य सनातन वैदिक धर्म की पुनस्र्थापना की थी और इसे मूर्तरूप देने के लिए आर्यसमाज स्थापित किया था। वैदिक धर्म की यह पुनस्र्थापना इस प्रकार से है कि सत्य, सनातन, ज्ञान व विज्ञान सम्मत वैदिक धर्म महाभारत […] Read more » Featured गंगा की महिमा और महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द ने देश व धर्म के लिए माता-पिता-बन्धु-गृह व अपने सभी सुखों का स्वेच्छा से त्याग किया September 3, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on महर्षि दयानन्द ने देश व धर्म के लिए माता-पिता-बन्धु-गृह व अपने सभी सुखों का स्वेच्छा से त्याग किया -विश्व इतिहास की अन्यतम् घटना- भारत संसार में महापुरूषों को उत्पन्न करने वाली भूमि रहा है। यहां प्राचीन काल में ही अनेक ऋषि मुनि उत्पन्न हुए जिन्होंने वेदानुसार आदर्श जीवन व्यतीत किया। इन ऋषियों में से कुछ के नाम ही विदित हैं। अनेक ऋषि मुनियों ने महान कार्यों को किया परन्तु उन्होंने न तो अपना […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द
विविधा स्वराज्य वा स्वतन्त्रता के प्रथम मन्त्र-दाता महर्षि दयानन्द August 15, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on स्वराज्य वा स्वतन्त्रता के प्रथम मन्त्र-दाता महर्षि दयानन्द महाभारत काल के बाद देश में अज्ञानता के कारण अन्धविश्वास व कुरीतियां उत्पन्न होने के कारण देश निर्बल हुआ जिस कारण वह आंशिक रूप से पराधीन हो गया। पराधीनता का शिंकजा दिन प्रतिदिन अपनी जकड़ बढ़ाता गया। देश अशिक्षा, अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड व सामाजिक विषमताओं से ग्रस्त होने के कारण पराधीनता का प्रतिकार करने […] Read more » महर्षि दयानन्द स्वराज्य वा स्वतन्त्रता के प्रथम मन्त्र-दाता
धर्म-अध्यात्म समाज महर्षि दयानन्द का वर्णव्यवस्था पर ऐतिहासिक उपेदश July 29, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on महर्षि दयानन्द का वर्णव्यवस्था पर ऐतिहासिक उपेदश आज से लगभग 140 वर्ष पूर्व हमारा समाज अज्ञान व अन्धकार से आवृत्त तथा रूढि़वादी परम्पराओं में जकड़ा हुआ था। सामाजिक विषमता अपने जटिलतम रूप में व्याप्त थी। ऐसे समय में महर्षि दयानन्द ने वेद एवं वैदिक साहित्य से समाज सुधार के क्रान्तिकारी विचारों व मान्यताओं को प्रस्तुत किया था। यह भी तथ्य है कि […] Read more » महर्षि दयानन्द वर्णव्यवस्था
धर्म-अध्यात्म योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र, भागवतादि पुराण और महर्षि दयानन्द’ July 4, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र, भागवतादि पुराण और महर्षि दयानन्द’ श्रीकृष्ण योगेश्वर थे, महात्मा थे, महावीर और धर्मात्मा थे। महाभारत में उनके इसी स्वरूप के दर्शन होते हैं। यद्यपि मध्यकाल में महाभारत में भारी प्रक्षेप हुए हैं परन्तु फिर भी उसमें श्रीकृष्ण जी पर ऐसे घिनौने आरोप नहीं लगाये जैसे भागवत व अन्य पुराणों में लगाये गये हैं। इससे हमारा सनातन वैदिक धर्म बदनाम हुआ […] Read more » भागवतादि पुराण महर्षि दयानन्द योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र
धर्म-अध्यात्म विविधा व्रत-उपवास एवं महर्षि दयानन्द June 18, 2015 / June 18, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आजकल हमारे देश के बहुत से लोग नाना दिवसों पर व्रत व उपवास आदि रखते और आशा करते हैं कि उससे उनको लाभ होगा। महर्षि दयानन्द चारों वेदों व सम्पूर्ण वैदिक व अवैदिक ग्रन्थों के अपूर्व विद्वान थे। उन्होंने समाधि अवस्था में ईश्वर का साक्षात्कार भी किया था और अपने विवेक से […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द व्रत-उपवास
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द और उनके सत्य व सर्वहितकारी मन्तव्य June 3, 2015 / June 3, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द संसार में सम्भवतः ऐसे पहले धार्मिक महापुरूष हुए हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों का प्रचार करने के साथ अपने मन्तव्यों तथा अमन्तव्यों का भी सार्वजनिक रूप से पुस्तक लिखकर प्रचार किया है। धार्मिक महापुरूष प्रायः अपनी मान्यताओं के विस्तृत व्याख्यात्मक ग्रन्थ लिख दिया करते हैं। उन्हीं ग्रन्थों को उनके शिष्य […] Read more » Featured मन्तव्य महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द और उनके सत्य व सर्वहितकारी मन्तव्य सत्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य समाज के लिए हानिकारक फलित ज्योतिष और महर्षि दयानन्द May 31, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- सृष्टि का आधार कर्म है। ईश्वर, जीवात्मा एवं प्रकृति तीन अनादि, नित्य और अविनाशी सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से अनादि है परन्तु ईश्वर के नियमों के अनुसार इसकी उत्पत्ति-स्थिति-प्रलय-उत्पत्ति का चक्र चलता रहता है। जीवात्माओं को कर्मानुसार ईश्वर से जन्म मिलता है जिसमें वह पूर्व जन्मों के कर्मों का फल भोगते हैं […] Read more » Featured ज्योतिष मनुष्य महर्षि दयानन्द समाज
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार May 28, 2015 / May 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य जीवन का उद्देश्य सत्कर्म करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इस पुरूषार्थ चतुष्टय में मोक्ष का विवरण वेद, दर्शन व उपनिषदों आदि प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। महर्षि दयानन्द जी ने अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश में इसका विस्तार से वर्णन किया है जो कि अन्यत्र दुर्लभ […] Read more » fearured जीवात्मा जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार महर्षि दयानन्द मोक्ष
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द, आर्य समाज और गुरूकुलीय शिक्षा May 5, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द ने मुख्यतः वेद प्रचार के लिए ही आर्यसमाज की स्थापना की थी। यह बातें गौण हैं कि यह स्थापना कहां की गई या कब की गई थी। किसी संस्था के गठन का उद्देश्य ही महत्वपूर्ण होता है। इसका उत्तर महर्षि दयानन्द ने स्वयं आर्यसमाज के 10 नियमों में से तीसरे […] Read more » Featured आर्य समाज गुरूकुलीय शिक्षा महर्षि दयानन्द वेद