धर्म-अध्यात्म माता-पिता के प्रति सन्तानों और ईश्वर के प्रति मानवमात्र के कर्तव्य” January 9, 2020 / January 9, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य विचार करे तो उसे संसार में अपने लिये सबसे अधिक महत्वपूर्ण व उपकारी माता-पिता का संबंध प्रतीत होता है। माता-पिता न होते तो हम व अन्य कोई मनुष्य इस कर्मभूमि रूपी संसार में जन्म नहीं ले सकता था। माता-पिता की भूमिका यदि जन्म तक ही सीमित होती तो भी उनका […] Read more » माता पिता
धर्म-अध्यात्म “मनुष्य का कर्तव्य सृष्टि के अनादि पदार्थों के सत्यस्वरूप एवं अपने कर्तव्यों को जानना है” November 29, 2018 / November 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जन्म लेकर माता-पिता व आचार्यों से विद्या ग्रहण करता है। विद्या का अर्थ है कि सृष्टि में विद्यमान अभौतिक व भौतिक पदार्थों के सत्यस्वरूप को यथार्थरूप में जानना और साथ ही अपने कर्तव्य कर्मों को जानकर उनका आचरण करना। संसार में मनुष्यों की जनसंख्या 7 अरब से अधिक बताई जाती है। […] Read more » अग्निहोत्र यज्ञ अजन्मा अनन्त उपासना दयालु धर्त्ता निराकार न्यायकारी माता पिता सब सृष्टि का कर्त्ता सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान् हर्त्ता
धर्म-अध्यात्म “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” November 3, 2018 / November 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ससार में हम अनेक प्राणियों को देखते हैं। दो पैर और दो हाथ वाला प्राणी जो भूमि पर सीधा खड़ा होकर व सिर ऊंचा उठाकर चलता है, जिसके पास बुद्धि है और जो सोच विचार कर अपने काम करता है, उसे मनुष्य कहते हैं। मनुष्य की विशेषता यह है कि उसके पास […] Read more » “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” अग्निहोत्र अनुचित ऋषि दयानन्द कर्तव्य-अकर्तव्य चिन्तन ध्यान मनन माता पिता स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म “अग्निहोत्र-यज्ञ क्यों करें?” September 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य व अंगिरा को वेदों का भाषा व उनके अर्थ सहित ज्ञान दिया था। वेदों में यज्ञ करने का विधान है जिसके आधार पर महर्षि दयानन्द जी ने यज्ञ की पूर्ण विधि पंचमहायज्ञ विधि सहित संस्कार विधि में दी है। यज्ञ क्यों […] Read more » “अग्निहोत्र-यज्ञ क्यों करें?” ऋषि दयानन्द महर्षि दयानन्द माता पिता
समाज बाल वेश्यावृत्ति का वैश्विक परिदृश्य September 24, 2018 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप हमारे देश में, वेश्यावृत्ति प्राचीन काल से अस्तित्व में है। ऋग्वेद से, यह पाया जाता है कि ऐसी महिलाएं थीं जो कई पुरुषों के लिए आम थीं, यानी, जो दरबारी या वेश्याएं थीं। महाभारत में, दरबार एक स्थापित संस्थान था। वेश्यावृत्ति का मतलब व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यौन शोषण या व्यक्तियों के दुरुपयोग […] Read more » खरीददार परिवार के सदस्यों माता पिता वेश्यावृत्ति
कविता प्रतिभाओ को मत काटो आरक्षण की तलवार से September 12, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on प्रतिभाओ को मत काटो आरक्षण की तलवार से नम्र निवेदन है मेरा भारत की इस सरकार से प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण की तलवार से इन रेल पटरियों पर फैला,आज क्यों तमाशा है जाट-आन्दोलन से फैली,चारो ओर निराशा है अगला कदम पंजाबी बैठेंगेr,महाविकट हडताल पर महाराष्ट में प्रबल मराठा, चढ़ जायेगे भाल पर राजपूत भी मचल उठेंगे,भुजबल के हथियारों से प्रतिभाओ को मत काटो […] Read more » आरक्षण जाति गरीबी महाराष्ट माता पिता राजपूत
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल पौंधा-देहरादून में 21 नये ब्रह्मचारियों के उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सोल्लास सम्पन्न” September 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, आर्ष गुरुकुल पौंधा-देहरादून में आज दिनांक 25 अगस्त, 2018 को 21 नये प्रवेशार्थी ब्रह्मचारियों के उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सोल्लास सम्पन्न हुए। आचार्य के प्रतिष्ठित पद पर आर्यजगत के वेदों के विख्यात विद्वान डॉ. रघुवीर वेदालंकार उपस्थित थे। उन्होंने दोनों संस्कारों की उन सभी क्रियाओं को जो आचार्य और ब्रह्मचारियों के […] Read more » Featured अभिमान आलस्य ईश्वर चपलता डा. रघुवीर वेदालंकार डॉ. आचार्य देवव्रत मद माता पिता मोह स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती
राजनीति 24 घंटे सातों दिन पत्रकार धूल खाते हैं अरबपति अखबार मालिक नहीं August 28, 2018 / August 30, 2018 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक गांव देहात और शहर में काम करे आम पत्रकारों के प्रति शिवराज सरकार संवेदनहीन है । देश और प्रदेश के अरबपति अखबारों को दो दो तीन तीन पेज का विज्ञापन बांट रही मप्र सरकार एक आम पत्रकार की जिंदगी की खैरखबर क्यों नहीं लेती। पुलिस और हेल्थ की तरह पत्रकार समाज भी समाज को अति […] Read more » Featured गांव गांव देहात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माता पिता वैवाहिक जीवन स्वास्थ्य
धर्म-अध्यात्म “माता-पिता की नित्य सेवा करना सन्तान का धर्म वा पितृ-यज्ञ है” July 12, 2018 / July 12, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जीवन में ईश्वर के बाद माता-पिता का सबसे अधिक महत्व है। इसके बाद जिन लोगों का महत्व है उनमें हमारे आचार्य, गुरु व उपाध्याय आते हैं जिनसे हम ज्ञान, विज्ञान व अनेक विद्याओं का अध्ययन करते व सीखते हैं। यदि दुर्भाग्य से कोई मनुष्य अपने माता-पिता आदि देवताओं के […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ज्ञान भाषा मनुष्य माता पिता विज्ञान व्याकरण सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, माता-पिता, आचार्य, वायु, जल व अन्न आदि देवताओं का ऋणी मनुष्य October 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार में पूर्व जन्म के प्रारब्ध को लेकर जन्म लेता है। माता-पिता सन्तान को जन्म देने व पालन करने वाले होने से सभी सन्तानें इन दो चेतन मूर्तिमान देवताओं की ऋणी हैं। माता अपनी सन्तान को दस महीनों तक गर्भ में रखकर उसे जन्म देने योग्य बनाती है, इससे उसे […] Read more » Featured अन्न आचार्य ईश्वर जल देवताओं का ऋणी मनुष्य माता पिता वायु
विविधा समाज माता-पिता सावधान ! June 19, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on माता-पिता सावधान ! जीवधारियों में शायद मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके बच्चे की परवरिश सबसे अलग व संघर्षपूर्ण है | पहले माता बच्चे को नौ महीने अपनी कोख में पालती है उसके उपरान्त जब बच्चा सूर्य की रोशनी देखता है तो माता-पिता के लिए उसका सरंक्षण व पालन-पोषण चुनौती भरा होता है | पहले माता-पिता के आमतौर […] Read more » new generation the defect in uppbringing of new generation माता पिता
विविधा माता-पिता की सम्मान के साथ सेवा करना प्रत्येक सन्तान का कर्तव्य July 8, 2014 / July 8, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य की जीवन यात्रा का आरम्भ जन्म से होता है और समाप्ति मृत्यु पर होती है। जन्म के समय वह प्रायः पूर्ण रूप से अज्ञानी होता है। मात्र उसके पास स्वाभाविक ज्ञान होता है और पूर्व जन्म का प्रारब्ध वा संस्कार। पूर्व जन्म के संस्कारों से उसकी प्रवृति बनती हैं जिसे माता-पिता […] Read more » माता पिता संतान का कर्तव्य