नहीं है रीढ़ की हड्डी
मृतकों का पश्चात्ताप , दे रहा जिन्दों को दस्तक
दिल्ली हुई नेतृत्व विहीन , झुका राष्ट्र का मस्तक.
है पड़ोसी मुल्क से आ रही ड्रैगन की फुंफकार
कहाँ गये वो रक्षक अपने , क्यों गिरी उनकी तलवार ?
मृतकों का पश्चात्ताप , दे रहा जिन्दों को दस्तक
दिल्ली हुई नेतृत्व विहीन , झुका राष्ट्र का मस्तक.
है पड़ोसी मुल्क से आ रही ड्रैगन की फुंफकार
कहाँ गये वो रक्षक अपने , क्यों गिरी उनकी तलवार ?
लोकतंत्र के चाहने वालों के लिए एक और खुशखबरी है .आगामी महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में कलावती चुनाव लड़ रही है .पिछले साल सुर्खियों में रहने वाली विदर्भ के किसान की विधवा और ७ बच्चों की माँ कलावती यवतमाल के वणी विधानसभा सीट से चुनावी समर में कूद पड़ी हैं . कलावती ने तमाम राजनितिक दलों के टिकट को ठुकराकर विदर्भ जनांदोलन समिति और शेतकरी संघर्ष समिति के बैनर तले चुनाव लड़ना स्वीकार किया है .
मैं लाफिंग बुद्धा से वाकिफ़ नही था। दिल्ली में मुलाकात हुई, एक माल मे सजे…