धर्म-अध्यात्म मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध है August 7, 2020 / August 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन–अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध […] Read more » मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म “दूसरों की उन्नति में ही हमारी व देश समाज की उन्नति सम्भव है” December 3, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, परमात्मा ने यह संसार जीवात्माओं के कर्म फल भोग और अपवर्ग अर्थात् मोक्ष प्राप्ति के लिये बनाया है। मनुष्य तथा सभी पशु-पक्षी आदि योनियों में सबका आत्मा एक जैसा है। सबको समान रूप से सुख व दुःख की अनुभूति होती है। सब जीवात्मायें अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों को प्राप्त […] Read more » अवतारवाद उपनिषद फलित ज्योतिष मनुस्मृति महाभारत मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध रामायण वेदानुकूल दर्शन
धर्म-अध्यात्म “महनीय विस्मृत जीवन अथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी” November 23, 2018 / November 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है जो सृष्टि के अनुकूल व ज्ञान-विज्ञान पर भी सत्य सिद्ध है। महाभारतकाल तक देश में ऋषियों की परम्परा विद्यमान रही जिससे सर्वत्र वेदों व उनके सत्य अर्थों का प्रचार था। महाभारत युद्ध के बाद देश व संसार में अज्ञान का अन्धकार फैल गया। लोगों में वेदों के […] Read more » “महनीय विस्मृत जीवन अथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी” अवतारवाद ऊंच-नीच छुआछूत पाषाण मूर्तिपूजा फलित ज्योतिष मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म -बलिदास दिवस व पुण्य तिथि पर-“भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द” October 31, 2018 / October 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज ऋषि दयानन्द (1825-1883) का आंग्ल तिथि के अनुसार बलिदान दिवस वा पुण्य तिथि है। हिन्दी तिथि के अनुसार यह 7 नवम्बर, 2018 को है। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान हुए पूरे 135 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने जो कार्य किये हैं उसमें अनेक […] Read more » अज्ञान सत्यार्थप्रकाश अवतारवाद ऋग्वेद-यजुर्वेद ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जन्मना जातिवाद फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म “गृहस्थ आश्रम सुख का धाम कब होता है?” August 6, 2018 / August 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमें मनुष्य जीवन परमात्मा से मिलता है। हमारा परमात्मा सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सृष्टि का कर्ता, धर्त्ता व हर्त्ता है। संसार में तीन सत्तायें हैं जिन्हें ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से जाना जाता है। तीनों सत्तायें अत्यन्त सूक्ष्म है। ईश्वर सर्वातिसूक्ष्म है। ईश्वर जीव व प्रकृति दोनों के भीतर विद्यमान […] Read more » “गृहस्थ आश्रम सुख का धाम कब होता है?” Featured अवतारवाद ईश्वर कृत्य मूर्तिपूजा फलित ज्योतिष मनुष्य समान है मृतक श्राद्ध सबका आदर करें समाज
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के देश व मानवता के हित के अनेक कार्यों में एक कार्य वेदों का उद्धार” July 11, 2018 / July 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने मानवता, समाज व देश हित के अगणित कार्य किये हैं। सब सुधारों का मूल वेदाध्ययन व वेदाचरण है। वेद मनुष्य को असत्य का त्याग करने और सत्य को ग्रहण करने की प्रेरणा करते हैं। वेदाध्ययन से अविद्या का नाश होता है और विद्या की वृद्धि होती है। मनुष्य […] Read more » Featured अवतारवाद ऋषि दयानन्द कार्य वेदों देश व मानवता फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध स्वामी श्रद्धानन्द जी और पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी आदि ऋषि
जन-जागरण समाज मृतक श्राद्ध विषयक भ्रान्तियां: विचार और समाधान September 1, 2015 / September 1, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment हिन्दू समाज आज कल अन्धविश्वासों का पर्याय बन गया है। श्राद्ध शब्द को पढ़कर धर्म-कर्म में रूचि न रखने वाला एक अल्प ज्ञानी सामान्य व्यक्ति भी समझता है कि श्राद्ध अवश्य ही श्रद्धा से सम्बन्ध रखता है। जिस प्रकार से देव से देवता शब्द बनता है उसी प्रकार से श्रद्धा से श्राद्ध बनता है। श्रद्धा […] Read more » Featured मृतक श्राद्ध