राजनीति देश की असली संसद कौन सी? December 22, 2011 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजीव खण्डेलवाल विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के लोकतंत्र की संवैधानिक सर्वोच्च संस्था हमारी संवैधानिक रूप से चुनी गई ‘संसद’ है। संसद के दोनों सदन में लोकसभा, राज्यसभा के कुल मिलाकर ७८८ (५४५+२४३) सदस्य है जो न केवल देश के लिये कानून बनाते है बल्कि समवर्ती सूची में उल्लेखित विषयों पर राज्यों के […] Read more » Anna Hazare Lokpal Bill Parliament अन्ना हजारे लोकपाल बिल संसद
प्रवक्ता न्यूज़ विधि-कानून जनवाणी-देववाणी August 13, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जनवाणी-देववाणी वीरेन्द्र सिंह परिहार जैसे कि प्रत्याशा थी, कुछ उसी तरह सरकारी लोकपाल बिल जनता के सामने आया, वह कम से कम ऐसा लोकपाल तो नही है, जैसा सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि चाहते थे। अब इस लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री एवं न्यायपालिका नही होगी,जबकि सिविल सोसाइटी का पूरा आग्रह इस बात को लेकर था कि प्रधानमंत्री […] Read more » Lokpal Bill लोकपाल बिल
विधि-कानून ‘‘जनता आगे, नेता पीछे ’’ August 9, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार अब यह कहने में कोई झिझक नही कि लोकपाल मुद्दे पर जनता आगे हो गई है, और हमारा राजनैतिक नेतृत्व पीछे हो गया है। यह बात तो तभी साबित हो गई थी, जब 30 अप्रैल को अन्ना हजारे के अनशन में बैठने से एक तरह से पूरा देश उनके साथ खड़ा हो […] Read more » Lokpal Bill लोकपाल बिल
समाज चू चू का मुरब्बा बना लोकपाल बिल July 26, 2011 / December 8, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 5 Comments on चू चू का मुरब्बा बना लोकपाल बिल शादाब जफर “शादाब’’ छले चालीस सालो से भ्रष्ट राजनेताओ और भ्रष्ट राजनीति के कारण जो लोकपाल विधेयक कानून का रूप नही ले पाया। कुछ लोग चाहते है कि उसे हम चुटकिया बजा कर पास करा लेगे तो ये उन लोगो की भूल है। जिस अन्ना हजारे के पॉच दिन के आन्दोलन से डर कर सरकार […] Read more » Lokpal Bill लोकपाल बिल
विविधा वर्चुअल अन्ना का नकली मीडिया संग्राम April 10, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 6 Comments on वर्चुअल अन्ना का नकली मीडिया संग्राम जगदीश्वर चतुर्वेदी अन्ना हजारे बड़े हैं। आदरणीय हैं। संघर्षपूर्ण जीवन जीते रहे हैं। लेकिन जन्तर-मन्तर में उन्होंने इसबार आम जनता के साथ आंदोलन का जो नाटक खेला है उसे श्रद्धा को एक तरफ रखकर राजनीतिक भाषा में पढ़ने की जरूरत है। इस बात को कहने का यह अर्थ नहीं है कि उनके प्रति किसी तरह […] Read more » Anna Hazare अन्ना हजारे लोकपाल बिल