मीडिया एक अजूबा यह भी : शिलालेख में विज्ञापन April 24, 2017 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment भारत में विज्ञापन संबंधी इतिहास खोजने वालों ने बताया है कि जहाँ तक उत्पादित माल बेचने के लिए विज्ञापन का संबंध है, संभवतः विश्व के सबसे पुराने विज्ञापन का श्रेय भारत को ही है । यह लगभग डेढ़ हजार वर्ष पुरानी बात है । तब देश के एक बड़े भाग पर कुमार गुप्त -प्रथम (415–455 ई.) का शासन था (जिसे शक्रादित्य और महेंद्रादित्य भी कहते हैं ; पिता चन्द्रगुप्त द्वितीय और माँ ध्रुवदेवी थीं जिन्हें ध्रुवस्वामिनी भी कहते हैं; प्रसिद्ध साहित्यकार जयशंकर ‘प्रसाद’ के इसी नाम के नाटक से कुछ पाठक परिचित ही होंगे) । कुमारगुप्त का साम्राज्य बंगाल से काठियावाड़ और हिमालय से नर्मदा तक फैला हुआ था । दिल्ली में क़ुतुब मीनार के पास खुले आकाश में खड़ा वह लौह स्तंभ भी कुमारगुप्त का ही बनवाया हुआ है जिसमें आजतक जंक नहीं लगी । Read more » Advertisement Featured विज्ञापन शिलालेख शिलालेख में विज्ञापन
मीडिया आखिरकार ये विज्ञापन जनता को क्या देते हैं? January 30, 2017 by अनिल अनूप | Leave a Comment -अनिल अनूप दूरदर्शन पर कीटनाशक, चूहानाशक, भोजन-वस्त्र-आवास के घटक, प्रसाधन सामग्री, स्वाथ्यवर्द्धक, आदि-आदि चीजों से लेकर निरोध, गर्भनिरोधक, उत्तेजनावर्द्धक रसायन तक के विज्ञापन आखिरकार जनता को क्या देते हैं? परिवार नियोजन, साक्षरता अभियान, आयकर, गर्भपात, घूस, अनाचार, यातायात नियम, पर्यावरण सुरक्षा, नेत्रदान आदि की उपयोगी सूचनाएँ विज्ञापन के माध्यम से दी जाती हैं, जनता क्रमश: […] Read more » विज्ञापन
मीडिया विज्ञापन जुटाने का मस्त ‘अभियान’ October 13, 2012 by लीना | Leave a Comment लीना बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की राज्य सरकार की केंद्र से मांग और उससे जुड़ा अभियान- इनका राजनीतिक तौर पर क्या औचित्य है, यह सही है या गलत- यह एक अलग मुद्दा है। इससे कोई सहमत या असहमत हो सकता है। लेकिन इस अभियान से जुड़कर राज्य के एक प्रमुख दैनिक हिन्दी […] Read more » बिहार विज्ञापन
प्रवक्ता न्यूज़ वाट ऍन आईडिया सर जी November 1, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on वाट ऍन आईडिया सर जी -राजीव बिशनोई “Only first class business and that in first class way……” David Ogilvy की ये लाइने विज्ञापन जगत की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं, David Ogilvy ने विज्ञापन जगत को नायब नुस्खे दिए हैं। 1948 में उन्होंने अपनी फार्म की शुरुआत की, जो बाद में Ogilvy & Mather के नाम से जानी गई […] Read more » Advertisement विज्ञापन
मीडिया देह प्रदर्शन का पर्याय बनते विज्ञापन March 10, 2010 / December 24, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 5 Comments on देह प्रदर्शन का पर्याय बनते विज्ञापन अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी / आंचल में है दूध् और आंखों में पानी। हिन्दी कविता की ये पंक्तियां पारंपरिक भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति को बखूबी बयान करती हैं। भारत में ‘यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते’ के आधार पर महिलाओं को देवी की संज्ञा देकर उनका गुणगान किया गया है। लेकिन, आधुनिक समाज में […] Read more » Advertisement विज्ञापन
राजनीति कांग्रेस का देशवासियों को नायाब तोहफा January 27, 2010 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on कांग्रेस का देशवासियों को नायाब तोहफा 15 अगस्त 1947 को भारत देश को पराधीनता से मुक्ति मिली। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारण गणराज्य के गणतंत्र की स्थापना हुई। भारत का गणतंत्र आज किस मुकाम पर है किसी से छिपा नहीं है। देश के जिन गण के लिए तंत्र की स्थापना की गई थी, आज वे गण तो हाशिए में […] Read more » Advertisement कांग्रेस विज्ञापन