कविता
क्या ”फैल” भी ”विद्वान” हो जाएगा?
/ by डॉ. मधुसूदन
डॉ. मधुसूदन (१) बचपन में सोचा, हुन्नर चुनुं, कोई, आसान। पैसा ही पैसा हो, शोहरत भी हो। शहादत भी न करनी पडे। चित्र-तारिकाएं, भी चाहती रहे । तो—-मुझे ”चित्रकार” पसंद आया, —- वह भी ”मॉडर्न” हो, तो, एम. एफ़. एच. सेन को, आदर्श मान, चित्र बनाया। बडों को दिखाया। — देर तक देख, पूछा ; […]
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