विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-12 August 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   ऋषि भारद्वाज ने जिन विमानों का निर्माण कराया उनके लिए उन्होंने ऐसे ईंधन की तकनीक बतायी है जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के अनुकूल हो। इससे स्पष्ट होता है कि ऋषि भारद्वाज का चिंतन पूर्णत: सात्विक और मानवता के हितों के अनुकूल था। ऋषि भारद्वाज का आश्रम प्रयाग में त्रिवेणी […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-11 August 26, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   यह अलग बात है कि उस पुष्टि को करने के पश्चात भी वे हमारे ऋषियों के चिकित्सा विज्ञान को सही अर्थों में समझने में असफल रहे हैं। भारत में 1947 तक भी भारत की परम्परागत देशी औषधियां ही लोगों का उपचार करती थीं। हमारे देशी वैद्य स्वयं लोगों के पास जाकर […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-10 August 25, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   यद्यपि हाल ही के वर्षों में रोगी यूरोप भारत की योग पद्घति की ओर झुका अवश्य है, उसे कुछ-कुछ पता चला है कि निरे भौतिकवाद से भी काम नहीं चलने वाला और यह भी निरे भौतिकवाद ने उसकी रातों की नींद और दिन का चैन छीन लिया है। तब हारा […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-9 August 24, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   हम यज्ञादि पर उद्घोष लगाया करते हैं कि-‘प्राणियों में सदभावना हो’ और-‘विश्व का कल्याण हो’-इनका अर्थ तभी सार्थक हो सकता है जब हम अपनी नेक कमाई में से अन्य प्राणियों के लिए भी कुछ निकालें और उसे हमारे पूर्वज वैद्य हम लोगों से कितने सुंदर और उत्तम ढंग से निकलवा […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-8 August 23, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   भारत के आर्य लोगों का संदेश था कि हर व्यक्ति को स्वराज्य के सुराज्य का रसास्वादन लेने का पूर्ण अधिकार है। वेद कहता है कि- ‘सा नो भूमिस्त्विषिं बलं राष्टï् दधातूत्तमे'(अथर्व 12/1 /8) इसका भावार्थ है कि हमारी मातृभूमि उत्तम राष्टï्र में कांति और शक्ति धारण करे, अर्थात हम लोग […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-7 August 22, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  आज भी मुस्लिम जगत और ईसाई जगत के नाम पर विश्व दो खेमों में बंट चुका है, और हम देख रहे हैं कि ये दोनों खेमे विश्व को कलह-कटुता परोस रहे हैं। इसके बीच ना तो कोई वैदिक जगत है और ना ही कोई हिंदू जगत है। इसका न होने का […] Read more » Featured India India as world leader world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-6 August 21, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारत में ‘कंस’ को निपटाने के लिए ‘कृष्ण’ उत्पन्न होते रहे हैं, और भारत की जनता ने ऐसे जननायक कृष्ण को ‘भगवान’ की श्रेणी में रखकर यह बताने का प्रयास किया है कि वह लोककल्याणकारी शासक को भगवान के समान इसलिए मानती है कि भगवान का कार्य भी लोककल्याण ही होता है। […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-5 August 19, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  हमारे लिए युद्घ अंतिम विकल्प रहा भारत के चिंतन में किसी को कष्ट पहुंचाना या किसी देश की क्षेत्रीय अखण्डता को नष्ट करना या किसी देश पर हमला करके उसके नागरिकों का नरसंहार करना या उनके अधिकारों का हनन करना कभी नहीं रहा। यही कारण रहा कि युद्घ भारत के लिए […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-4 August 18, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  सामाजिक संघर्ष में लिप्त लोगों को सही मार्ग पर लाने के लिए कानून बनाया जाता है और उसके माध्यम से उन्हें दंडित किया जाता है। जबकि ‘धर्म में युद्घ’ की स्थिति में लिप्त लोगों को सही मार्ग पर लाने के लिए नीति और विधि का सहारा लिया जाता है। इस नीति […] Read more » Featured India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-2 August 17, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  भारत की इस प्रवाहमानता के कारण भारत के चिंतन में कहीं कोई संकीर्णता नहीं है, कही कोई कुण्ठा नहीं है, कहीं किसी के अधिकार को छीनने की तुच्छ भावना नहीं है, और कहीं किसी प्रकार का कोई अंतर्विरोध नहीं है। सब कुछ सरल है, सहज है और निर्मल है। उसमें वाद […] Read more » Featured भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-3 August 17, 2017 / August 17, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य    ऐसी परिस्थितियों में उन अनेकों ‘फाहियानों,’ ‘हुवेनसांगों’ व ‘मैगास्थनीजों’ का गुणगान करना हम भूल गये जो यहां सृष्टि प्रारंभ से अपनी ज्ञान की प्यास बुझाने के लिए आते रहे थे और जिन्होंने इस स्वर्गसम देश के लिए अपने संस्मरणों में बारम्बार यह लिखा कि मेरा अगला जन्म भारत की […] Read more » Featured भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा आवश्यकता भारत जोड़ो आंदोलन August 17, 2017 / August 17, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   अभी-अभी भारत ने 1942 में छेड़े गये-‘अंग्रेजो! भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। वैसे हमारा मानना है कि यदि 1857 की क्रांति के इतिहास का और उस समय घटे घटनाचक्र का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि भारतवासियों ने 1942 से 85 वर्ष पूर्व […] Read more » 'अंग्रेजो! भारत छोड़ो' आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ Featured अंग्रेज आंदोलन भारत विश्वगुरू