व्यंग्य साहित्य शर्मसार भी तो किसके आगे 3 years ago अशोक गौतम बाजार द्वारा अपने ठगे जाने की अनकही प्रसन्नता के चलते गुनगुनाता- भुनभुनाता हुआ घर की…