धर्म-अध्यात्म सत्संग स्वर्ग और कुसंग नरक है September 20, 2020 / September 20, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य किसी भी विषय के प्रायः दो पहलु होते हैं, एक सत्य व दूसरा असत्य। सत्य व असत्य का प्रयोग ईश्वर व जीवात्मा से लेकर सृष्टि के सभी पदार्थों व व्यवहारों में सर्वत्र किया जाता है। ईश्वर निराकार है, यह सत्य है और निराकार नहीं है अथवा साकार है, यह असत्य है। […] Read more » कुसंग नरक है सत्संग सत्संग स्वर्ग
धर्म-अध्यात्म “देश में जन्मना जाति व्यवस्था 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” August 3, 2018 / August 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद मनुष्य के गुण, कर्म व स्वभाव को महत्व देते हैं। जो मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव वाला है वह द्विज और जो गुण रहित है उसे शूद्र कहा जाता है। द्विज ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य को कहते हैं जो गुण, कर्म व स्वभाव की उत्तमता से होते हैं। […] Read more » 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द चाणक्य देश में जन्मना जाति व्यवस्था धर्म पिता पूर्व परजन्म ब्राह्मण माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का वर्ण व्यवस्था पर महत्वपूर्ण उपदेश” July 17, 2018 / July 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने अपने विश्व प्रसिद्ध ‘सत्यार्थप्रकाश’ ग्रन्थ में वर्ण व्यवस्था पर विस्तार से प्रकाश डाला है और वेदानुकूल ग्रन्थों के बुद्धि व तर्क संगत प्रमाण भी दिये हैं। हम यहां सत्यार्थप्रकाश के चतुर्थ समुल्लास से उनके कुछ विचारों को प्रस्तुत कर रहे हैं। वह लिखते हैं कि जो शूद्र कुल में […] Read more » Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द धर्म पिता पूर्व जन्म माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग
धर्म-अध्यात्म सत्संग क्या और इससे लाभ April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on सत्संग क्या और इससे लाभ मनमोहन कुमार आर्य सत्संग एक प्रचलित शब्द है जिसका प्रायः सभी लोग बातचीत व परस्पर व्यवहार में प्रयोग करते है। आजकल किसी धार्मिक कथा आदि में जाने को ही सत्संग मान लिया जाता है। सत्संग का वास्तविक अर्थ क्या है, इस पर कम लोग ही ध्यान देते हैं। सत्संग दो शब्दों सत् और संग से […] Read more » Featured अग्निहोत्र अज्ञान अन्याय आत्मा ईश्वर ऋषिकृत ग्रन्थों क्रोध दुराचार देवयज्ञ मनुष्य लोभ सत्संग
कहानी सत्संग February 15, 2016 by विजय कुमार | Leave a Comment सोहन ने कक्षा दस तक की पढ़ाई तो अपने गांव में ही की; पर फिर पढ़ने के लिए वह मेरठ आ गया। वहां उसने एक कमरा किराये पर ले लिया। श्याम भी उसकी कक्षा में ही पढ़ता था। अतः दोनों में मित्रता हो गयी। कुछ ही दिन में यह मित्रता इतनी बढ़ी कि दोनों ने […] Read more » सत्संग
धर्म-अध्यात्म सत्संग : शान्ति के साथ सच्चे-सुख और स्वास्थ्य की प्राप्ति! March 13, 2012 / March 13, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ बहुत कम लोग जानते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपने आपका निर्माण खुद ही करता है! हम प्रतिदिन अपने परिवार, समाज और अपने कार्यकलापों के दौरान बहुत सारी बातें और विचार सुनते, देखते और पढ़ते रहते हैं, लेकिन जब हम उन बातों और विचारों में से कुछ (जिनमें हमारी अधिक रुचि […] Read more » health gain satsang शान्ति सच्चे-सुख सत्संग स्वास्थ्य की प्राप्ति