राजनीति होली, रमजान, राम और जान : पत्थरों की नहीं, फूलों की बारिश हो March 17, 2025 / March 17, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल भारत में सभी धर्मानुयायी अपने-अपने तीज त्यौहार हमेशा से साथ-साथ मनाते आए हैं और इसमें कभी भी किसी तरह का वैमनस्य या प्रतिस्पर्धा अथवा एक दूसरे के प्रति कटुता का भाव देखने को नहीं मिला लेकिन इस वर्ष जब होली 13 एवं 14 मार्च को मनाई जा रही है और रमजान भी […] Read more » रमजान राम और जान : पत्थरों की नहीं होली
कला-संस्कृति लेख लो फिर आ गई होली March 12, 2025 / March 12, 2025 by डा. विनोद बब्बर | Leave a Comment डा. विनोद बब्बर भारतीय संस्कृति की आत्मा पर्व त्योहारों से बसती है। यहां की बहुरंगी बहुभाषी सांस्कृतिक विरासत की छटा देश के विभिन्न भागों में एक ही त्यौहार को अलग-अलग नामों रूपों से मनाए जाने में दिखाई देती है। लगभग प्रतिदिन देश के किसी न किसी भाग में कोई न कोई पर्व होता है इसीलिए […] Read more » होली
कला-संस्कृति होली पर सच्चाई के रंग भरे और सब एक हो जायें March 11, 2025 / March 11, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – होली एक ऐसा त्योहार है, जिसका धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक-आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं की रोशनी में होली के त्योहार का विराट् समायोजन बदलते परिवेश में विविधताओं का संगम बन गया है, दुनिया को जोड़ने का माध्यम बन गया है। हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है […] Read more » होली
पर्व - त्यौहार लेख होली पर्व सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाला पर्व है March 25, 2024 / March 27, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment होली पर्व सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाला पर्व है होली पर्व भारत में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला प्राचीन पर्व है। होली पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली पर्व भारत में परंपरागत रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूजा की होली मनाई जाती है। इस दिन होलिका दहन होता है। इस दिन गोबर के उपलों या लकड़ियों से भारत में जगह-जगह होली रखी जाती है। सभी लोग प्राचीन परंपराओं के अनुसार होली को पूजते हैं, और रात में होलिका दहन होता है। जलती हुई होली के चारों और लोग परिक्रमा करते हैं और अपने लिये और अपनों के लिए मनौतियां मांगते हैं। उत्तर भारत में होलिका दहन के दिन जलती हुई होली में गेहूं की बाल को भूनकर खाने की परम्परा है। होली के दूसरे दिन चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपद़ा को धुलेंडी यानी कि खेलने वाली होली मनाई जाती है। धुलेंडी के दिन लोग एक दूसरे को सुबह उठकर गुलाल लगाने जाते हैं। इस दिन छोटे अपने बड़ों से गुलाल लगाकर आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, और पारम्परिक रूप से होली मनाते हैं। इस दिन घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। धुलेंडी के दिन भारत देश के गली मोहल्लों में ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और नाच-कूद किये जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि होली के दिन लोग अपने गले-शिकवे और आपसी कटुता भूल कर एक दूसरे से गले मिलते हैं और पुनः दोस्त बन जाते हैं। रंगों से होली खेलने और नाचने-गाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद लोग नहा-धोकर थोड़ा विश्राम करने के पश्चात् नए कपडे पहनकर सांझ में एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं। लोग अपनी कटुता भुलाकर गले मिलते हैं और एक दूसरे को होली पर पारम्परिक रूप से बनायी जाने वाली गुजिया और अन्य मिठाइयां खिलाते हैं। अगर ब्रज की बात की जाए तो ब्रज में होली पर्व की शुरुआत वसंत पंचमी के दिन से हो जाती है। वसंत पंचमी के दिन ब्रज के सभी मंदिरों और चैक-चैराहों पर होलिका दहन के स्थान पर होली का प्रतीक एक लकड़ी का टुकड़ा गाड़ दिया जाता है और लगातार 45 दिनों तक ब्रज के सभी प्राचीन मंदिरों में प्रतिदिन होली के प्राचीन गीत गए जाते हैं। ब्रज की महारानी राधा जी के गांव बरसाने में होली से आठ दिन पहले फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन लड्डू मार होली से इस प्राचीन पर्व की शुरुआत होती है। इसके बाद फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन से लठमार होली की शुरुआत होती है जो कि होली का त्यौहार खत्म होने तक लगातार चलती है। पूरे विश्व भर में मशहूर बरसाना की लठमार होली में (हुरियारिनें) महिलाएं पुरुषों (हुरियारों) के पीछे अपनी लाठी लेकर भागती हैं और लाठी से मारती हैं। हुरियारे खुद को ढाल से बचाते हैं। इस लठमार होली को दुनियाभर से लोग देखने को आते हैं। यह होली राधा रानी के गाँव बरसाने और श्रीकृष्ण जी के गांव नंदगांव के लोगों के बीच में होती है। बरसाने और नंदगांव गांवों के बीच लठमार होली की परंपरा सदियों से चली आ रही है। होली पर्व पूरे देश में परंपरा, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। होली पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली पर्व हमारे देश में उपस्थित बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक है। होली पर्व देश में हमारी संस्कृति और सभ्यता के मूल सहिष्णुता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाला पर्व है। इस पर्व को सभी लोगों को शांति, सौहार्द और भाईचारे की भावना से मनाना चाहिए। देश के सभी नागरिकों को इस दिन साम्प्रदायिक भावना से ऊपर उठकर अपने गले-शिकवे और कटुता का परित्याग कर बहुलवाद की भावना से अपने आप को रंगना चाहिये, जिससे कि देश में शांति, सौहार्द, समृद्धि और खुशहाली कायम हो सके। Read more » होली
कला-संस्कृति राजनीति होली है नफरत को प्यार में बदलने का रंग-पर्व March 1, 2023 / March 1, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –बदलती युग-सोच एवं जीवनशैली से होली त्यौहार के रंग भले ही फीके पड़े हैं या मेरे-तेरे की भावना, भागदौड़, स्वार्थ एवं संकीर्णता से होली की परम्परा में धुंधलका आया है। परिस्थितियों के थपेड़ों ने होली की खुशी को प्रभावित भी किया है, फिर भी जिन्दगी जब मस्ती एवं खुशी को स्वयं में समेटकर […] Read more » होली
पर्व - त्यौहार लेख होली परंपरा, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार March 27, 2021 / March 27, 2021 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment होली पर्व भारत में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला प्राचीन पर्व है। होली पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुल महीने के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली पर्व भारत में परम्परागत रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूजा की होली […] Read more » Holi tradition होली
पर्व - त्यौहार लेख होली का संदेश : सामाजिक एकता March 27, 2021 / March 27, 2021 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानीभारत भूमि के संस्कार वास्तव में एक ऐसी अनमोल विरासत है, जो सदियों से एक परंपरा के रूप में प्रचलित है। जो समाज में ऐक्य भाव की स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त करता है। वर्तमान में जहां परिवार टूट रहे हैं, वहीं समाज में अलगाव की भावना भी विकसित होती जा रही है। इस […] Read more » Holi सामाजिक एकता होली
कविता होली March 27, 2021 / March 27, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment फिर मादकता की अंगड़ाई लेकर ,होली का पर्व आया हैआम्र कुंज से मुखर मुकुल का ,सौरभ पवन स्वयं लाया है ||भूमि पर ज्योति की बांसुरी बजानेफूल के गांव में पांखुरी खिलानेहर किरन के अधर पर ,सरस तान यह लाया हैफिर मादकता की अंगड़ाई लेकर ,होली का पर्व आया है ||मदन सखा सुकुमार मनोहर ,काम लिये […] Read more » Holi Poem on Holi होली
पर्व - त्यौहार लेख होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है March 18, 2021 / March 18, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहोली का पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि को मनाया जाता है। एक दिन पूर्व फाल्गुल मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन की परम्परा भी लम्बे समय से समाज में चली आ रही है। होली प्राचीन काल में ऋषियों व विद्वानों द्वारा किये जाने वाले महायज्ञ का एक […] Read more » Holi is a festival to celebrate the arrival of wheat crop. होली होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है
पर्व - त्यौहार लेख शरीर ही नहीं, चेतना का उत्सव है होली March 7, 2020 / March 7, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –होली धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष त्यौहार है, एक तरह से देखा जाए तो यह उत्सव प्रसन्नता को मिल-बांटने का एक अपूर्व अवसर है। हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहाँ पर मनाये जाने वाले सभी त्यौहार समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम, एकता […] Read more » Holi is a celebration of consciousness होली
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म और होली का पर्व February 11, 2020 / February 11, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म एक सम्पूर्ण उत्कृष्ट जीवन शैली है। इसमें पर्वों को मनाने पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। पर्व प्रसन्नता एवं उल्लास का एक अवसर होता है। इसके लिये हमारे कुछ प्राचीन मनीषियों ने वर्ष की कुछ तिथियां निर्धारित की हुई हैं जिन पर इन पर्वों को मनाया जाता है। […] Read more » होली
कविता होली में क्या क्या होना चाहिए March 26, 2019 / March 27, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment होली में जब तक हलवाई ना हो |देशी घी की मिठाई बनाई ना हो ||गर्म गर्म भांग के पकोड़े ना हो |उन पर चटनी की लाग लगाई ना हो ||तब तक होली क्या होली है ?वर्ना रंगों के साथ ठठोली है || होली में जब तक रंग गुलाल ना हो |खेलने वालो के दिल में […] Read more » Poem on Holi होली