कविता
आस्था
/ by बीनू भटनागर
बीनू भटनागर मेरी आस्था मेरी पूजा का नाता मन मस्तिष्क से है, और है आत्मा से। मेरी पूजा मे ना पूजा की थाली है, ना अगरबत्ती का सुगन्धित धुँआ है, प्रज्वलित दीप भी नहीं है इसमे, फल फूल प्रसाद से भी है ख़ाली, क्योंकि, मेरी आस्था मे प्रार्थना व ,शुकराना है, और है समर्पण […]
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