राजनीति पाटलीपुत्र में इतिहास की पुनरावृत्ति की आहट July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on पाटलीपुत्र में इतिहास की पुनरावृत्ति की आहट – डॉ. विनोद बब्बर इतिहास केवल सजावट की वस्तु नहीं होती क्योंकि वह अनुभव और सुखद स्मृतियों ही नहीं, खून और चित्कारों से लथपथ ऐसा दस्तावेज होता है जिसकी उपेक्षा की भारी कीमत चुकानी ही पड़ती है। यह भी सत्य है कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। जो इतिहास के श्याह-सफेद अध्यायों से सबक नहीं […] Read more » history Patliputra इतिहास
विविधा डॉ. लोहिया का इतिहास चिंतन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी March 25, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 1 Comment on डॉ. लोहिया का इतिहास चिंतन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी इतिहास की अवधारणा एवं उसकी प्रकृ ति पर अनेक मौलिक चिंतन हुए हैं। विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में इतिहास की पौराणिक परिकल्पनाओं का प्रस्थान बिंदू मानव समाज में नैतिकता और सदाचार का अनुपालन ही रहा है। परंपराओं में यह माना जाता रहा है कि इतिहास वास्तव में उच्चावस्था लगातार उसके नैतिक पतन की कहानी है […] Read more » history इतिहास राममनोहर लोहिया
विविधा इतिहास के इतिहास की भारतीय दृष्टि December 15, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on इतिहास के इतिहास की भारतीय दृष्टि भारत में ‘इतिहास के इतिहास’ पर बहसें चलती हैं। यूरोपीय विद्वान भारत पर इतिहास की उपेक्षा का आरोप लगाते हैं। एलफिन्सटन को सिकंदर के हमले के पूर्व किसी भी घटना का निश्चित समय नहीं दिखाई पड़ता। विटरनिट्ज यहां काव्य, नायकत्व और इतिहास का घालमेल देखते हैं। अलबेरूनी के आरोप ज्यादा सख्त है कि हिन्दू चीजों […] Read more » history इतिहास
विश्ववार्ता इतिहास रच दिया युकियो हातोयामा ने September 4, 2009 / December 26, 2011 by राकेश उपाध्याय | 3 Comments on इतिहास रच दिया युकियो हातोयामा ने ‘इतिहास फिर से लिखने का समय आ गया है’ इस आह्वान के साथ चुनाव मैदान में उतरे 62 वर्षीय युकियो हातोयामा ने सचमुच इतिहास रच दिया है। आगामी 16 सितंबर को वे जापान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। युकियो हातोयामा के नेतृत्व में जापान के प्रमुख विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान […] Read more » history इतिहास
राजनीति एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में August 21, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 1 Comment on एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में जिन्ना लेकर उत्पन्न ताजा विवादों ने एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में ला खड़ा किया है । बात आडवानी की हो या जसवंत की मसले के पीछे प्रमाणिक इतिहास की जानकारी का अभाव है । अब तक के ज्ञात इतिहास की प्रमाणिकता को चुनौती देने का साहस हम भारतीयों में न के बराबर है Read more » history इतिहास