खेत-खलिहान जिन्दा रहने के लिए किसान संगठित और रचनात्मक संघर्ष करे December 31, 2010 / December 18, 2011 by गौतम चौधरी | 3 Comments on जिन्दा रहने के लिए किसान संगठित और रचनात्मक संघर्ष करे गौतम चौधरी खेती कईली जीए-ला, बैल बिकागेल बीए-ला, यह लोकोक्ति मिथिला के ग्रामीण क्षेत्रों में खूब बोली जाती है। इसका अर्थ भी बताना चाहूंगा। किसान खेती करता है जीने के लिए लेकिन जब खेती करने के दौरान खेती का प्रधान औजार ही बिक जाये तो वैसी खेती करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। […] Read more » Farmer किसान
खेत-खलिहान राजनीति ममता का किसानों से पार्टटाइम प्रेम December 16, 2010 / December 18, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी रेलमंत्री ममता बनर्जी का अशांत किसानप्रेम उन्हें अंधे गली में ले गया है। वे किसानहठ की शिकार हैं। किसानहठ राजनीतिक प्रतिगामिता को जन्म देता है। ममता का किसान से रोमैंटिक संबंध है। उसका किसान के हितों और भावबोध से कोई लेना-देना नहीं है। ममता के आंदोलन के कारण लालगढ़ और नंदीग्राम अशांति के […] Read more » mamta benerjee किसान ममता बनर्जी
खेत-खलिहान लुप्त होता किसान- गिरीश मिश्रा November 13, 2010 / December 20, 2011 by गिरीश मिश्रा | 1 Comment on लुप्त होता किसान- गिरीश मिश्रा यदि वर्तमान भारत, विशेषकर हिंदी पत्रकारिता और साहित्य, को देखें तो किसान को लेकर स्पष्टता का सर्वथा अभाव मिलेगा। अनेक तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार और प्रख्यात साहित्यकार भी इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि भारत में किसान नामक प्राणी का अस्त्वि समाप्त हो रहा है। जिसे हम आज किसान कहते हैं वह वस्तुत: खेतिहर है। दोनों […] Read more » Farmer किसान गिरीश-मिश्रा
खेत-खलिहान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून तथा कृषि और किसान October 28, 2010 / December 20, 2011 by प्रभात कुमार रॉय | Leave a Comment -प्रभात कुमार रॉय भूखे भजन न हो गोपाला/ ले ले अपनी कंठी माला भूख वस्तुत: एक ऐसी स्थिति जो मनुष्य को कुछ भी करने के लिए विवश कर सकती है। तभी तो नजी़र अक़बराबादी फरमाते हैं. दिवाना आदमी को बनाती हैं रोटियां/खुद नाचती है सबको नचाती हैं रोटियां/ बूढा चलाए ठेले को फाकों से झूल […] Read more » Farmer किसान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून
खेत-खलिहान हरियाणा के किसान ने बनाई बहु उद्देशीय प्रसंस्करण मशीन October 20, 2010 / December 20, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 6 Comments on हरियाणा के किसान ने बनाई बहु उद्देशीय प्रसंस्करण मशीन -फ़िरदौस ख़ान हरित क्रांति के लिए अग्रणी हरियाणा को कृषि के क्षेत्र में सिरमौर बनाने में यहां के किसानों की अहम भूमिका है। यहां के किसानों ने न केवल खेतीबाड़ी में नित नए प्रयोग किए हैं, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भी अपनी योग्यता का परचम लहराया है। ऐसे ही एक किसान हैं यमुनानगर ज़िले के […] Read more » Hariyana किसान हरियाणा
खेत-खलिहान आजाद भारत में किसान आज भी गुलाम October 19, 2010 / December 20, 2011 by रामदास सोनी | 3 Comments on आजाद भारत में किसान आज भी गुलाम सरकारी नीतियों के कारण कृषि पर गहराया संकट – रामदास सोनी कहने को तो भारत 15 अगस्त 1947 को विदेशी दासता की बेड़ियों से मुक्त हो गया था किंतु वास्तव में नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ जिससे कहा जा सकता है कि मात्र सत्ता का हस्तांतरण हुआ था यानि मात्र तंत्र हमारा था किंतु […] Read more » Farmer किसान
राजनीति पश्चिम यूपी को नंदीग्राम न बनायें August 23, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. सुभाष राय | 1 Comment on पश्चिम यूपी को नंदीग्राम न बनायें पश्चिम उत्तर प्रदेश की हवा में इस समय बहुत गरमी है। किसान सड़क पर निकल आये हैं। मरने-मारने पर उतारू हैं। अलीगढ़ के टप्पल कस्बे से उठी आवाज अब आगरा मंडल में कई जगह गूंजने लगी है। हजारों किसान धरने पर हैं। महिलाएं भी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियां छोड़कर मैदान में आ गयी हैं। हाथों में […] Read more » Farmer किसान
खेत-खलिहान पशुधन से धनवान होते किसान May 11, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | Leave a Comment -फ़िरदौस ख़ान भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में डेयरी उद्योग का महत्वपूर्ण स्थान है। हरियाणा में डेयरी उद्योग खासा फलफूल रहा है। हालांकि राज्य में दूध के प्रसंस्करण का अधिकतर काम निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। राज्य में इस समय दूध को प्रसंस्कृत करने के छोटे-बड़े 32 डेयरी प्लांट काम कर […] Read more » Farmer किसान पशुधन
खेत-खलिहान किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदमों की जरूरत है- अखिलेश आर्येन्दु April 20, 2010 / December 24, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 2 Comments on किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदमों की जरूरत है- अखिलेश आर्येन्दु पहले की तरह इस बार के केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए मामूली बढ़ोत्तरी की गई है जबकि विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं का दौर जारी है। जिन वजहों से किसान आत्महत्याएं कर रहें हैं, न तो राज्य सरकारें समग्रता से उसके समाधान के लिए कोई सार्थक कदम उठा रही […] Read more » Suicide आत्महत्या किसान
आर्थिकी बीज कंपनियों ने फिर लूटी किसानों की किस्मत -संतोष सारंग April 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बीज कंपनियों ने फिर लूटी किसानों की किस्मत -संतोष सारंग बिहार के किसानों को बीज कंपनियों ने एक बार फिर छला। अभी दानाविहीन मक्के का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि गेहूं की फसल फेल होने की खबरें गर्म होने लगीं। आक्रोशित किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद मामला तूल पकड़ा। आनन-फानन में विधान सभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी बिहार सरकार ने किसानों को […] Read more » Farmer किसान बीज कंपनी
खेत-खलिहान किसान का गौरवशाली अतीत था, आज किसान को मार्गदर्शन चाहिए December 10, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on किसान का गौरवशाली अतीत था, आज किसान को मार्गदर्शन चाहिए आज किसान बहुत दुविधा में पड़ा है। वह चाहता है कि वह रासायनिक खाद से कैसे छुटकारा पाए ताकि उसकी धरती फिर से उपजाऊ हो। वह भुल सा गया है कि उनके पुरखे गोबर और गोमूत्र से खाद बनाकर इतने सम्पन्न थे कि उन्होंने आजादी की लड़ाइयों अर्थात 1857, 1905 और 1930 स्वतंत्रता आंदोलनों में […] Read more » Farmer किसान