मीडिया राजनीति देश को क्यों बांट रहा है मीडिया August 1, 2015 by संजय द्विवेदी | 3 Comments on देश को क्यों बांट रहा है मीडिया कलाम हों रोलमाडल या मेमन सोचना होगा -संजय द्विवेदी काफी समय हुआ पटना में एक आयोजन में माओवाद पर बोलने का प्रसंग था। मैंने अपना वक्तव्य पूरा किया तो प्रश्नों का समय आया। राज्य के बहुत वरिष्ठ नेता, उस समय विधान परिषद के सभापति रहे स्व.श्री ताराकांत झा भी उस सभा में थे, उन्होंने मुझे […] Read more » देश मीडिया
साहित्य भाषा और समाज June 6, 2015 / June 6, 2015 by गंगानन्द झा | 1 Comment on भाषा और समाज -गंगानंद झा- बात सन् 1989 की है, ‘बाबरी मस्जिद-राम मन्दिर’ का हंगामा चल रहा था, तभी कुछ दोस्तों ने शहर की दीवालों पर जगह-जगह चिपके बहुत सारे पोस्टर्स की ओर ध्यान दिलाया । ये पोस्टर्स उर्दू में थे, इनके मज़मून के बारे में कहा जा रहा था कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के नाम पर […] Read more » Featured उर्दू देश भाषा भाषा और समाज समाज हिन्दी
राजनीति देश किधर जा रहा है? April 23, 2014 / April 25, 2014 by आर. के. गुप्ता | Leave a Comment -आरके गुप्ता- देश में चारों ओर चुनावी वातावरण है ऐसे में प्रत्येक राजनैतिक दल वोट पाने के लिये जनता से लोकलुभावने वादे कर रहा है। परन्तु एक विशेष सम्प्रदाय (मुस्लिम) के वोट पाने के लिये तो कुछ दल संविधान की भावनाओं का भी उल्लंघन कर रहे हैं। मुस्लिम समाज अपनी एकजुट वोटों का दबाव बनाकर […] Read more » Country politics देश देश की समस्या राजनीति
राजनीति नौटंकी बंद करो दिग्गी राजा April 17, 2011 / December 13, 2011 by डब्बू मिश्रा | Leave a Comment दिग्गी राजा उर्फ दिग्विजय सिंग बडे अफसोस के साथ आपके नाम के साथ का सम्मनसूचक शब्द जी को हटाना पड रहा है । जरा सोचकर देखो कि आप किस पद पर बैठ कर क्या क्या कह रहे हो । लगता है कांग्रेस महासचिव का पद देकर गांधी परिवार ने आपको खरीद लिया है । अपने पदमोह […] Read more » Country देश
राजनीति प्रणाली नहीं बदली तो खंडित होगा देश January 21, 2011 / December 16, 2011 by सूर्यकांत बाली | 4 Comments on प्रणाली नहीं बदली तो खंडित होगा देश सूर्यकांत बाली आज जो खंडित जनादेश आ रहे हैं, उसका कारण स्पष्ट है। आज हमारा समाज इतना अधिक खंडित हो चुका है कि वह एक देश और एक समाज के रूप में सोच नहीं पाता। समाज का हर छोटा खंड अपने स्वार्थ में इतना अधिक तल्लीन रहता है कि वह अपने लिए वोट देता है, […] Read more » Country देश
विविधा तमाशबीनों के देश में लुटेरे August 11, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on तमाशबीनों के देश में लुटेरे -जगदीश्वर चतुर्वेदी आज भारत तमाशबीनों का देश है। इसमें नागरिक नहीं तमाशबीन निवास करते हैं। तमाशबीनों की तरह आज हम सब एक-दूसरे को देख रहे हैं। पूरे समाज को देख रहे हैं। माओवादियों ने दंतेवाडा में बम के धमाके किए,निर्दोष लोग मारे गए, हम तमाशा देखते रहे। हाल ही में अहमदाबाद में दंगे हुए हम […] Read more » Country देश
विविधा कुपोषण के शिकार देश के नौनिहाल April 26, 2010 / December 24, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | Leave a Comment यह हैरत की बात है कि जिस देश के खाद्यान भंडारों में पड़ा अनाज सड़ रहा हो उस देश के नौनिहाल कुपोषण का शिकार होकर अकाल मौत के मुंह में समा रहे हैं. यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के ऐसे बच्चों की तादाद दुनिया में सबसे […] Read more » Country देश
राजनीति देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें January 21, 2010 / December 25, 2011 by पंकज झा | 9 Comments on देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें यूं तो किसी भी गणतंत्र के लिए 60 साल कोई ज्यादा समय नहीं होता, उसकी सफलता और असफलता का लेखा-जोखा मात्र इतने समय में करना संभव नहीं है। लेकिन अगर अपने आस-पड़ोस के हालात देखें तो इस सफलता पर कम से कम संतुष्ट तो हुआ ही जा सकता है। हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है […] Read more » Country गणतंत्र दिवस देश