समाज बलात्कार: पितृसत्ता का हिंसात्मक उत्सव December 29, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment जब महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने नवम्बर 2016 में यह बयान दिया था कि बलात्कार के मामलों के संदर्भ में भारत उन चार देशों में सम्मिलित है जहाँ सबसे कम बलात्कार होते हैं तो उनकी बड़ी आलोचना हुई थी और उन्हें बताया गया था कि भारत बलात्कार के मामलों की संख्या के […] Read more » Featured rape Violent Celebration of Patriarchy पितृसत्ता बलात्कार हिंसात्मक उत्सव
आलोचना पितृसत्ता से भागते तुलसीदास के आलोचक May 4, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on पितृसत्ता से भागते तुलसीदास के आलोचक -जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी की अधिकांश आलोचना मर्दवादी है।इसमें पितृसत्ता के प्रति आलोचनात्मक विवेक का अभाव है।आधुनिक आलोचना में धर्मनिरपेक्ष आलोचना का परिप्रेक्ष्य पितृसत्ता से टकराए, उसकी मीमांसा किए बगैर संभव नहीं है। मसलन्, अभी तक तुलसी पर समीक्षा ने लोकवादी जनप्रिय नजरिए से विचार किया है और पितृसत्ता को स्पर्श तक नहीं किया है। आधुनिक […] Read more » Tulsidas तुलसीदास पितृसत्ता