धर्म-अध्यात्म पूज्य तरुण सागर जी का यूं मृत्यु को महोत्सव बनाना September 1, 2018 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on पूज्य तरुण सागर जी का यूं मृत्यु को महोत्सव बनाना पूज्य संत तरुण सागर जी मृत्यु को महोत्सव बना गए, उनका शिष्य परिवार (मुझ सहित) भी मृत्यु का आनंद मना रहा है. हम जब मृत्यु का नाम लेतें हैं तो भीतर तक हिल उठते हैं, हड्डियों में सिहरन आभास करते हैं. मरण के नाम से भूत, पिशाच, प्रेत, यम, यमदूत, डाकिनी, शाकिनी दैत्य, राक्षस, चुड़ैल […] Read more » Featured ऋषि परम्परा चुड़ैल डाकिनी तरुण सागर पिशाच प्रेत भूत यम यमदूत राक्षस शाकिनी दैत्य
विविधा ‘तेरा’ ‘मेरा’ ग्लोबल प्रेत February 27, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment प्रेत कभी अकेले नहीं आते हमेशा अनेक के साथ आते हैं। यह वर्णशंकर प्रेत है। यह आधा भारतीय है और आधा विलायती है। इसका राजनीतिक शरीर भी वर्णशंकर है। आधा ”हमारा” और आधा ”तुम्हारा”। यह अद्भुत मिश्रित क्लोन है। ग्लोबल कल्चर की उपज है। इसके कपड़े और मुखौटे जरूर राजनीतिक दलों के हैं किंतु इसकी […] Read more » Global प्रेत