शख्सियत बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं June 6, 2018 / June 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे क आदिवासी नेता और लोकनायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती ही […] Read more » Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आडम्बरों एवं अंधविश्वासों आदिवासी गरीबी झारखंड बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं ब्रिटिश हुकूमत भारतीय इतिहास रूढ़ियों
जन-जागरण हम उस देश के वासी हैं… September 5, 2014 by राकेश कुमार आर्य | 4 Comments on हम उस देश के वासी हैं… -राकेश कुमार आर्य- भारत के गौरव पर प्रकाश डालते हुए मैक्समूलर ने अपनी पुस्तक ‘इंडिया: व्हाट कैन इज टीच अस’ में लिखा है-‘‘यदि मैं विश्वभर में से उस देश को ढूंढने के लिए चारों दिशाओं में आंखें उठाकर देखूं जिस पर प्रकृति देवी ने अपना संपूर्ण वैभव, पराक्रम तथा सौंदर्य खुले हाथों लुटाकर उसे पृथ्वी का स्वर्ग बना […] Read more » भारत भारतीय इतिहास साहित्य हिन्दुस्तान
विविधा बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने: भाग 8 August 4, 2011 / December 7, 2011 by रामदास सोनी | Leave a Comment रामदास सोनी काला पन्ना जो लिखा जा रहा है पिछली कड़ी में हमने इस्लामिक आतंकवाद के बारें में संक्षेप में चर्चा की। विचार श्रृंखला के इस अंतिम भाग में अब दूसरे प्रकार के आंतकवाद के बारें में थोड़ा सा चिंतन करें। भारत में मार्क्सवाद की विचारधारा से उपजे हुए विभिन्न संगठनों के आंतकवादी दस्ते सामाजिक […] Read more » Indian History भारतीय इतिहास
हिंद स्वराज बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने July 24, 2011 / December 8, 2011 by रामदास सोनी | Leave a Comment रामदास सोनी ( स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने बरसों पूर्व भारतीयों को उनके गौरवशाली इतिहास और परम्परा से परिचित करवाने के लिए भारतीय इतिहास के छः स्वर्णिम पृष्ठ नामक ग्रन्थ की रचाना की थी ताकि भारतीय अपने आप को पहचाने और किसी भी प्रकार की विदेशी सत्ता के समक्ष नत-मस्तक ना हो, राष्ट्रीय जीवन मूल्यों की […] Read more » Indian History भारतीय इतिहास
हिंद स्वराज बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग -2) July 24, 2011 / December 8, 2011 by रामदास सोनी | 2 Comments on बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग -2) रामदास सोनी अब प्रश्न खड़ा होता है कि उस दिन कांग्रेस की सभा में सुभाषचन्द्र बोस ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर पर झण्डा कौन फहरा रहा होता? सुभाषचन्द्र बोस जैसा ऊर्जावान व्यक्ति अगर भारत का प्रथम प्रधानमंत्री होता तो भारत की विदेश नीति क्या होती? पड़ोसी […] Read more » Indian History भारतीय इतिहास
हिंद स्वराज बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग 3) July 24, 2011 / December 8, 2011 by रामदास सोनी | 5 Comments on बीसवीं सदी में भारतीय इतिहास के छः काले पन्ने (भाग 3) रामदास सोनी दूसरे काले पन्ने को भारत का काला पन्ना कहा जाये या विश्व का ही एक काला पन्ना माना जायेए इसे भविष्य तय करेगा। क्योंकि इस पन्ने में कालापन और दर्द की कसक इतनी ज्यादा है कि यह विश्व की अन्य किसी भी घटना में दिखाई नहीं देती। कल्पना करे कि हमारे शहर या […] Read more » Indian History भारतीय इतिहास