विविधा समाज सार्वभौमिक-समन्वित भारतीय हिन्दू संस्कृति January 14, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 3 Comments on सार्वभौमिक-समन्वित भारतीय हिन्दू संस्कृति दूसरों को दुख देना सबसे बड़ा अधर्म है एवं दूसरों को सुख देना सबसे बड़ा धर्म है । यही हिन्दू की भी परिभाषा है। कोई व्यक्ति किसी भी भगवान को मानते हुए एवं न मानते हुए हिन्दू बना रह सकता है। हिन्दू की परिभाषा को धर्म से अलग नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि भारत में हिन्दू की परिभाषा में सिख, बौद्ध, जैन, आर्यसमाजी व सनातनी इत्यादि आते हैं। हिन्दू की संताने यदि इनमें से कोई भी अन्य पंथ अपना भी लेती हैं तो उसमें कोई बुराई नहीं समझी जाती एवं इनमें रोटी बेटी का व्यवहार सामान्य माना जाता है। Read more » Featured भारत में धर्म भारतीय धार्मिक समुदाय भारतीय हिन्दू संस्कृति हिन्दू धर्म का इतिहास