राजनीति किसकी लडाई लड रहे हैं ये माओवादी? August 16, 2010 / December 22, 2011 by समन्वय नंद | 15 Comments on किसकी लडाई लड रहे हैं ये माओवादी? -समन्वय नंद सर्वहारा की लडाई लडने का दावा करने वाले माओवादियों के संबंध में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बंगलूरू पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व नक्सलियों के बीच सांठगांठ कर देश में आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वैसे तो पाकिस्तानी खुफिया […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति ममता माओवादी! August 14, 2010 / December 22, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 3 Comments on ममता माओवादी! -अमलेन्दु उपाध्याय इस दहर में सब कुछ है पर इन्साफ नहीं है। इन्साफ हो किस तरह कि दिल साफ नहीं है। राजनीति के विषय में अक्सर कई कहावतें सुनने को मिलती हैं। जैसे राजनीति में दो और दो चार नहीं होते या राजनीति में कुछ सही गलत नहीं होता या फिर राजनीति और अवसरवादिता एक […] Read more » Maoist ममता बनर्जी माओवाद
राजनीति सिनेमा माओवादियों की ओवर ग्राउंड आर्मी व ओडिया फिल्म अभिनेता सिद्धांत महापात्र August 4, 2010 / December 22, 2011 by समन्वय नंद | 9 Comments on माओवादियों की ओवर ग्राउंड आर्मी व ओडिया फिल्म अभिनेता सिद्धांत महापात्र -समन्वय नंद ओडिया फिल्म के सुपर स्टार तथा बीजू जनता दल से लोकसभा सांसद सिद्धांत महापात्र इन दिनों विवादों में फंसे हैं। ओडिया सिनेमा में एक हाई बजट के फिल्म का निर्माण किया जा रहा है जिसमें माओवादियों का महिमामंडम किया गया है। इस फिल्म में सांसद सिद्धांत ने नक्सलियों के एरिया कमांडर की भूमिका […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सली आतंक : अब कारण नहीं, निदान पर बात हो July 29, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on नक्सली आतंक : अब कारण नहीं, निदान पर बात हो -पंकज झा लोकतंत्र और आंतरिक सुरक्षा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नक्सल आतंकियों का सफाया या इस समस्या के समाधान हेतु सतत ज़रूरी विमर्श की शृंखला में पिछले दिनों रायपुर एक समाचार चैनल द्वारा एक परिचर्चा आयोजित की गयी. अफ़सोस महज़ इतना है कि आज भी इस मुद्दे पर हर तरह का विमर्श, नक्सलियों के […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति हमारा प्रतिरोध, देशद्रोह, तुम्हारी हिंसा, विकास July 29, 2010 / December 23, 2011 by पीयूष पंत | Leave a Comment -पीयूष पंत लगता है ‘राजकीय हिंसा हिंसा न भवति’ की घुट्टी पिलाने पर आमादा केंद्र की यूपीए और छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकारें विकास से जुड़े असली सवालों का समाधान हिंसा के बूते निकालने में ही विश्वास रखती हैं। ऐसा न होता तो सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता में सरकार से बातचीत का प्रस्ताव […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति विकास नहीं, विश्वास से सुलझेगी नक्सली समस्या July 19, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on विकास नहीं, विश्वास से सुलझेगी नक्सली समस्या -सतीश सिंह अगर देखा जाए तो आज नक्सल समस्या वहीं है जहाँ जंगल, खनिज संपदा और आदिवासी हैं। विकास से तो पूरा देश महरुम है और गरीबी हर घर की थाती है, फिर भी नक्सल समस्या मूल रुप से झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश में है। बिहार और आंध्रप्रदेश में नक्सल समस्या […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति लोकतंत्र की रक्षा के लिए नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई अनिवार्य: डॉ. रमन सिंह July 15, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हथियार छोड़े बिना उनसे बातचीत निरर्थक प्रधानमंत्री की बैठक में मुख्यमंत्री ने नक्सल क्षेत्रों के नये जिलों के लिए मांगा विशेष पैकेज रायपुर, 14 जुलाई 2010 । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक बार फिर कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई अनिवार्य हो गयी है। डॉ. […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति माओवादी आतंकवाद सबसे बड़ा संकट : संजय द्विवेदी July 10, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on माओवादी आतंकवाद सबसे बड़ा संकट : संजय द्विवेदी भारतीय लोकतंत्र में नक्सली हिंसा पर व्याख्यान पटना। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी का कहना है कि माओवादी आतंकवाद से अब निर्णायक जंग लड़ने की जरूरत है क्योंकि यह देश के लोकतंत्र के सामने सबसे बड़ा संकट है। देश के सबसे गरीब 165 जिलों में काबिज माओवादी प्रतिवर्ष […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति आखिर कब तक चलेगा शहादतों का सिलसिला? July 1, 2010 / December 23, 2011 by गोपाल सामंतो | 1 Comment on आखिर कब तक चलेगा शहादतों का सिलसिला? -गोपाल सामंतो एक बार फिर हमारे वीर जवानों के रक्तरंजित शरीरों को नम आँखों से श्रद्धांजलि की चादर ओढ़ाई गयी। कुछ और विधवाओं ने सिस्टम से जन्म लिया और कुछ अनाथों का देश से नया रिश्ता जुड़ गया। जब जब नक्सली हमला होता है तो पूरा देश बेचैन दिखता है और प्रशासन खामोशी से अपने […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति एक ही पथ के राही हैं माओवादी और मनमोहन सिंह June 28, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on एक ही पथ के राही हैं माओवादी और मनमोहन सिंह -जगदीश्वर चतुर्वेदी कार्ल मार्क्स का प्रसिद्ध कथन है कि ‘इस दुनिया में पूंजी का प्रत्येक अंश सिर से पैर तक खून और धूल से सना है।’ खून और धूल के रूपक के बहाने मार्क्स ने सामाजिक संबंधों की ओर ध्यान खींचा है। पूंजीवाद अपने शोषण को बनाए रखने के लिए सामाजिक संबंधों और सामाजिक समूहों […] Read more » Naxalism नक्सलवाद मनमोहन सिंह माओवाद
राजनीति गाँधी को समझे अरुंधती.. June 24, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on गाँधी को समझे अरुंधती.. -आशीष तिवारी क्या आपको याद है कि वर्ष २००४ में सिडनी शांति पुरस्कार किसे मिला था? नहीं याद है तो हम याद दिला देते हैं। ये पुरस्कार मिला था अरुंधती रॉय को। कितनी अजीब बात है ना! कभी अपने अहिंसात्मक कार्यों के लिए इतने बड़े सम्मान से नवाजे जाने वाली महिला आज उसी अहिंसा को […] Read more » Naxalism अरूंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सली और उनके बौद्धिक मददगार June 24, 2010 / December 23, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 6 Comments on नक्सली और उनके बौद्धिक मददगार -डॉ. मयंक चतुर्वेदी देश में जिस तेजी से नक्सली मौत का ताण्डव कर रहे हैं, उतनी ही द्रुतगति से उनको भारत में रहने वाला एक बौद्धिक वर्ग जिन्हें मार्क्सवादी माना जाता है, अपना बडचडकर समर्थन दे रहा हैं। तर्क यह दिया जा रहा है कि ”गरीबी से बेहाल नक्सली अपने हक की लडाई लड रहे […] Read more » Naxalism नक्सलवाद नक्सली बुद्धिजीव माओवाद