विविधा दूषित सोच से लोकतंत्र का कमजोर होना July 1, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment हमारी विरोध की ताकत भी किन्हीं संकीर्णताओं की शिकार है। यही कारण है कि इन स्थितियों से गुरजते हुए, विश्व का अव्वल दर्जे का लोकतंत्र कहलाने वाला भारत आज अराजकता के चैराहे पर है। जहां से जाने वाला कोई भी रास्ता निष्कंटक नहीं दिखाई देता। इसे चैराहे पर खडे़ करने का दोष जितना जनता का है उससे कई गुना अधिक राजनैतिक दलों व नेताओं का है जिन्होंने निजी व दलों के स्वार्थों की पूर्ति को माध्यम बनाकर इसे बहुत कमजोर कर दिया है। Read more » Featured Tylene Lyngdoh ताइलिन लिंगदोह लोकतंत्र लोकतंत्र में गरीब
राजनीति लोकतंत्र में गरीब को क्या मिलता है ? April 28, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on लोकतंत्र में गरीब को क्या मिलता है ? भारत में कुल 4120 विधायक और 462 विधान परिषद सदस्य हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक। प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात 91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये। भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं। इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है। अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है। अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है। ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है। अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर। Read more » गरीब लोकतंत्र लोकतंत्र में गरीब