लेख समाज बच्चों के स्कूल नहीं लौटने का खतरा एक गंभीर चेतावनी October 16, 2020 / October 16, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment —प्रियंका सौरभ संयुक्त राष्ट्र की नीति के अनुसार शिक्षा पर महामारी के प्रभाव और सीओवीआईडी -19 की आर्थिक गिरावट के कारण 24 मिलियन बच्चों के स्कूल नहीं लौटने का खतरा अब सच में बदल गया है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक वित्तपोषण का अंतर भी एक तिहाई बढ़ने की संभावना है। दुनिया भर में 1.6 अरब […] Read more » child abuse amid corona increased children not returning to school amid corona pandemic गर्भावस्था बच्चों के स्कूल बाल विवाह लिंग आधारित हिंसा विश्व बैंक
राजनीति कारोबारी मोर्चे पर ऊंची छलांग का अर्थ November 1, 2018 / November 1, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी सहूलियत के मोर्चे पर भारत ने लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की इस रैंकिंग 2019 में भारत 23 पायदान की छलांग के साथ 77वें स्थान पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा ‘मिनिमम गवर्नमेंट टू मैक्सिमम गवर्नेस’ के मंत्र पर अमल और लंबित […] Read more » कारोबारी मोर्चे पर ऊंची छलांग का अर्थ कालेधन एवं भ्रष्टाचार मेकिंग इंडिया मोदी सरकार विश्व बैंक सुधारों
राजनीति समाज स्वतंत्रता के बाद स्वावलंबन का प्रश्न August 14, 2018 / August 14, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव 15 अगस्त 1947 की आधी रात को खंडित स्वतंत्रता स्वीकारने के बाद बड़ा सवाल आर्थिक विकास और स्वाबलंबन का था। स्वावलंबन ही वह आधार है, जो नागरिक और उसके पारिवारिक सदस्यों की आजीविका और रोजागार के संसाधनों को उपलब्ध कराने का काम आसान करता है। यह इसलिए जरूरी था, क्योंकि ब्रिटिश हुक्मरानों ने […] Read more » Featured आदिवासी महिलाएं वरिष्ठ आभूषण कृषि चंद्रशेखर प्रधानमंत्री दलित धातु पीवी नरसिंह पूर्व गर्वनर मनमोहन सिंह मजदूर मिट्टी के बर्तन वस्त्र विश्व बैंक
आर्थिकी विविधा भारत के प्रति विश्व बैंक का नकारात्मक रवैया October 30, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी किसी भी देश के विकास के लिए जिन तत्वों को आवश्यक माना जाता है, उनमें अत्यधिक महत्वपूर्ण है, उस देश का कारोबारी माहौल कितना सकारात्मक है और वहाँ व्यापारियों-उद्योगपतियों को पर्याप्त सम्मान मिलता है कि नहीं। भारत के संदर्भ में इसे लें तो आज स्थितियाँ पूर्व की अपेक्षा बहुत ही सकारात्मक हैं। हलांकि इसका […] Read more » Featured India's rank unchanged in World Bank World Bank नकारात्मक रवैया भारत विश्व बैंक विश्व बैंक का नकारात्मक रवैया
आर्थिकी कल्पनातीत आर्थिक असमानता May 8, 2015 / May 8, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान- विश्व बैंक की दक्षिण एशिया में असमानता से जुड़ी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में असामान्य रूप में अरबपतियों की तादाद तो ज्यादा है ही सामान्य नागरिक की तुलना में उनकी संपत्ति का आनुपातिक असंतुलन बहुत विकराल है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अमीरों की संपत्ति का […] Read more » Featured अर्थव्यवस्था कल्पनातीत आर्थिक असमानता विश्व बैंक