राजनीति संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ नहीं, महज एक कानूनी ग्रंथ है जो भेदभाव से परे नहीं है! November 28, 2024 / November 28, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment @ कमलेश पाण्डेय भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ है, क्योंकि हमने संविधान के जरिए सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के कई बड़े लक्ष्यों को हासिल किया है। संविधान निर्माताओं की प्रगतिशील और समावेशी सोच की छाप […] Read more » Constitution संविधान संविधान सिर्फ एक कानूनी का ग्रंथ
विधि-कानून विविधा बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय May 5, 2017 / May 5, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आप किसी भी भारतीय भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते। हिंदी का भी नहीं। हिंदी राजभाषा है। यह हिंदी और राज दोनों का मजाक है। यदि आप संसद में भारतीय भाषाओं का प्रयोग कर सकते हैं तो सबसे बड़ी अदालत में क्यों नहीं? सबसे बड़ी अदालत में सबसे बड़ा अन्याय है, यह ! देश के सिर्फ चार उच्च न्यायालयों में हिंदी का प्रयोग हो सकता है- राजस्थान, उप्र, मप्र और बिहार! छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी स्वभाषा के प्रयोग की मांग कर रखी है। Read more » bihar Constitution High Courts hindi Narendra Modi Regional Language Supreme Court अदालत छत्तीसगढ़ राजस्थान
विविधा अन्ना का आंदोलन और संविधान August 22, 2011 / December 7, 2011 by श्याम नारायण रंगा | 2 Comments on अन्ना का आंदोलन और संविधान श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ पूरे देश में अभी अन्ना के आंदोलन की गूंज है। जिसे देखो वो अन्ना के समर्थन में नारे लगाता दिखाई दे रहा है। जनाब ये लोकतंत्र है यहॉं जनता का राज है सो आंदोलन होना और उसमें लोगों का जुड़ना लोकशाही का एक तरीका है। तंत्र की कोई व्यवस्था अगर लोक […] Read more » Constitution अन्ना हजारे संविधान
विधि-कानून एक संविधान, फिर दो विधान क्यों? July 28, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 8 Comments on एक संविधान, फिर दो विधान क्यों? -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 चीख चीख कर कहता है कि भारत में सभी लोगों को कानून के समझ समान समझा जायेगा और सभी लोगों को कानून का समान संरक्षण प्राप्त होगा। अनुच्छेद13 में यह भी कहा गया है कि यदि उक्त प्रावधान का उल्लंघन करने वाला या कम करने वाला […] Read more » Constitution संविधान