गजल दास्ताने – दर्द हम किसको सुनाते November 28, 2012 / November 28, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment दास्ताने – दर्द हम किसको सुनाते पत्थरों के शहर में किसको बसाते ! आबे – हयात नहीं है पास में मेरे दो घूँट पानी की किसको पिलाते ! शहर चले गये थे कमाने के वास्ते लौट आये, शक्ल किसको दिखाते ! हवा बेवफ़ाई की ही बह रही थी क़सम वफ़ा की किसको […] Read more » gazal by satyendra gupta
गजल हज़ार बहानो से बेरुख़ी अच्छी September 25, 2012 / September 25, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment हज़ार बहानो से बेरुख़ी अच्छी – हज़ार कोशिशों से बेबसी अच्छी ! आबरू पर आंच आने लगे तो – हज़ार जवाबों से खामुशी अच्छी ! रौशनी ग़र आँख में चुभने लगे – उजालों से फिर तीरगी अच्छी ! ताजमहल देख कर गुमां होता है – है प्यार की मिसाल कितनी अच्छी ! क्या जज्बा था […] Read more » gazal by satyendra gupta
गजल गज़ल:उनके इंतज़ार का…– सत्येंद्र गुप्ता July 18, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment उनके इंतज़ार का, हर पल ही मंहगा था हर ख़्वाब मैंने उस पल देखा सुनहरा था। दीवानगी-ए-शौक मेरा ,मुझसे न पूछ दोस्त दिल के बहाव का वह जाने कैसा जज़्बा था। मेरे महबूब मुझसे मिलकर ऐसे पेश आये जैसे उनकी रूह का मैं, खोया हिस्सा था। तश्नगी मेरे दिल की कभी खत्म नहीं हुई जाने […] Read more » gazal by satyendra gupta
गजल गज़ल:बेबसी– सत्येंद्र गुप्ता July 6, 2012 / July 5, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment बात गीता की आकर सुनाते रहे आईना से वो खुद को बचाते रहे बनते रावण के पुतले हरएक साल में फिर जलाने को रावण बुलाते रहे मिल्कियत रौशनी की उन्हें अब मिली जा के घर घर जो दीपक बुझाते रहे मैं तड़पता रहा दर्द किसने दिया बन के अपना वही मुस्कुराते रहे […] Read more » gazal by satyendra gupta गज़ल:बेबसी गज़ल:बेबसी– सत्येंद्र गुप्ता
गजल साहित्य गज़ल ; पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई सुनते हैं नमी आँख में उनके भी आ गई। मैं आईने के सामने पहुँची जिस घडी मेरी बुराई साफ़ नज़र मुझको आ गई। एक मैकदा सा बंद था उसकी निगाह में मदहोश कर गई मुझे बेखुद बना गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; झुकी तो हया हो गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment झुकी तो हया हो गई झुकी तो हया हो गई उठी तो दुआ हो गई। बढ़ी इतनी दीवानगी मुहब्बत सजा हो गई। तुम्हारे बिना जिंदगी बड़ी बेमज़ा हो गई। अजाब मुस्कराहट तेरी सरापा कज़ा हो गई। हुई तुमसे क्या दोस्ती ये दुनिया खफा हो गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये मैख़ाने में जरा कभी आकर तो देखिये एक बार ज़ाम लब से लगाकर तो देखिये। दुनिया को तुमने अपना बनाया तो है मगर हमको भी कभी अपना बनाकर तो देखिये। तुम हाले दिल पे मेरे हंसोगे न फिर कभी पहले किसी से दिल को लगाकर तो देखिये। जिसकी […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; हर अदा में कमाल था – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment हर अदा में कमाल था कोई हर अदा में कमाल था कोई आप अपनी मिसाल था कोई। उसके आशिक थे मिस्ले-परवाना हुस्न से मालामाल था कोई। उससे छुटकारा मिल गया हमको एक जाने बवाल था कोई। वो मिला है न मिल सकेगा कभी एक दिल में ख्याल था कोई। बेचकर खून रोटियाँ लाया भूख से […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें